नीब करौरी आश्रम के दर्शन करने पहुंचे क्रिकेटर ने टीम के नए कोच पर रखे अपने विचार

गौतम गंभीर काफी अनुशासित और युवा खिलाड़ियाें को सपोर्ट करने वाले व्यक्ति हैं। टीम इंडिया के मुख्य कोच की कमान संभालने के बाद से भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर भी इसका असर दिख रहा है। यह कहना था भारतीय क्रिकेट टीम के नए मैच फिनिशर रिंकू सिंह का।

सवाल- गौतम गंभीर के कोच बनने से केकेआर को कुछ एक्स्ट्रा एडवांटेज?
जवाब- ऐसा बिल्कुल नहीं है, क्रिकेट में परफॉरमेंस ही सब कुछ होता है। गौतम गंभीर काफी सुलझे हुए व्यक्ति हैं। उनके टीम इंडिया से जुड़ने के बाद भारतीय टीम के खेल में और निखार आएगा। हाल में श्रीलंका से हुई टी-20 सीरीज में भारत का प्रदर्शन इसका उदाहरण है। वन-डे में भी उनकी कोचिंग का पॉजिटिव इंपैक्ट दिख रहा है। सभी खिलाड़ी उनके कोच बनने के बाद से खुश हैं। खासकर युवाओं को आगे बढ़ाने की सोच से नए टैलेंट को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।

सवाल-वर्ल्ड कप मैच न खेल पाने का कितना अफसोस ?
जवाब-अफसोस बिलकुल भी नहीं है। खुशी है कि हम लोग लंबे समय बाद वर्ल्ड कप ट्रॉफी जीतने में सफल रहे। हमेशा जिंदगी में पॉजिटिव रहने पर ध्यान देना चाहिए। मेरी हमेशा यही कोशिश रहती है, कि जब भी देश के लिए खेलने का मौका मिले तो मैं अपना बेस्ट दे सकूं। वन डे वर्ल्ड कप जीतने के बाद टीम में ही नहीं पूरे देश में एक नया उत्साह है।

सवाल- आज के युवाओं को क्या संदेश देना चाहते हैं।
जवाब- एक स्पोर्ट पर्सन में सबसे ज़्यादा अहम बात मेहनत करने की लगन हो। मेहनत से ही आपको हर सफलता मिल सकती है। खुद पर विश्वास करो और बस अपने गेम पर ध्यान दो। एक स्पोर्ट पर्सन पॉजिटिव होना चाहिए। हमेशा आगे की सोचें। गेम को अपना सब कुछ मानें। अपने स्पोर्ट्स में समर्पित रहिए।

सवाल-फील्ड में अच्छा खेलने के लिए आपको क्या प्रेरित करता है?
जवाब- देश के लिए हमेशा ही मैच या टूर्नामेंट जीतना लक्ष्य होता है। यही सबसे ज्यादा यही प्रेरित करता है। जब परिस्थितियां कठिन होती हैं तो अच्छा करने की और ज्यादा प्रेरणा मिलती है।

सवाल-बाबा नीम करौरी धाम आने का मन कैसे बना?
जवाब- यहां के बारे में काफी सुना था और आज देख भी लिया। बहुत समय से आशीर्वाद और दर्शन करने का मन था, यह इच्छा भी पूरी हो गई। कैंची धाम में ध्यान लगाकर बहुत अच्छा लगा। मन को काफी शांति और सुकून मिला। बाबा नीअ करौरी के चमत्कारों के बारे में भी काफी कुछ पता चला।

Back to top button