माता वैष्णो देवी रेलवे स्टेशन का 40 करोड़ से होगा पुनर्विकास

जम्मू संभाग के जिला रियासी कटड़ा स्थित माता वैष्णो देवी रेलवे स्टेशन का मौजूदा सुविधाओं को बढ़ाने और यात्रियों के लिए नई सुविधाएं शुरू करने के लिए 40 करोड़ रुपये की लागत से पुनर्विकास किया जाएगा। अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत यह पुनर्विकास किया जाना है।

सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से देश भर में 553 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की आधारशिला रखी। साथ ही पीएम ने 1,500 सड़क ओवरब्रिजों और अंडरपासों का शिलान्यास, उद्घाटन किया। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने माता वैष्णो देवी रेलवे स्टेशन के औपचारिक पुनर्विकास को चिह्नित करते हुए एक पट्टिका का अनावरण किया।

जितेंद्र सिंह ने कहा कि कटड़ा स्टेशन को अमृत भारत स्टेशन योजना में शामिल करना इस क्षेत्र के विकास के लिए प्रधान मंत्री के विशेष फोकस को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह स्टेशन वंदे भारत ट्रेन के शुभारंभ के लिए चुने गए स्टेशनों में से भी एक था। वर्तमान में दिल्ली से कटड़ा के बीच दो वंदे भारत ट्रेन चल रही हैं।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री ने कहा कि यह देश का पहला स्टेशन होने का गौरव भी रखता है जहां सौर ऊर्जा सुविधा का अनावरण किया गया है।

कटड़ा स्टेशन के साथ ही उधमपुर, जम्मू और बडगाम रेलवे स्टेश का भी अमृत स्टेशनों के रूप में पुनर्विकास किया जाएगा। चार में से तीन जम्मू क्षेत्र में हैं। यह प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता को मजबूत करता है।

उन्होंने कहा कि कटड़ा स्टेशन एक इंटर-मॉडल स्टेशन के रूप में उभरेगा, जो रेल, सड़क और हवाई यात्रा को एकीकृत करेगा ताकि लोग एक मोड से दूसरे मोड में निर्बाध रूप से जा सकें।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया गया है कि देश का प्रत्येक नागरिक और क्षेत्र अपनी प्रतिभा और संसाधनों के अनुरूप अपनी अधिकतम क्षमता का उपयोग करे।

उन्होंने कहा कि अब एक गरीब आदमी का बेटा या बेटी बड़े सपने देख सकते हैं, सिविल सेवाओं जैसी प्रतिष्ठित परीक्षाओं में भाग ले सकते हैं और सत्ता के गलियारे तक पहुंच सकते हैं, चाहे उनका धर्म, जाति या क्षेत्र कुछ भी हो। उम्मीदें फिर से जगी हैं और भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद जैसी बुराइयों पर अंकुश लगा है।

अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत पुनर्विकास के लिए चुने गए 553 रेलवे स्टेशन 27 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैले हुए हैं। 19,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से इन स्टेशनों का पुनर्विकास किया जाएगा।

यह स्टेशन सिटी सेंटर के रूप में कार्य करेंगे, जो शहर के दोनों किनारों को एकीकृत करेगा, और इसमें आधुनिक यात्री सुविधाएं होंगी। स्टेशनों को पर्यावरण अनुकूल और दिव्यांग अनुकूल के रूप में पुनर्विकसित किया जाएगा। इन स्टेशन भवनों के डिजाइन स्थानीय संस्कृति, विरासत और वास्तुकला से प्रेरित होंगे।

ये रोड ओवरब्रिज और अंडरपास 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैले हुए हैं और इन परियोजनाओं की कुल लागत लगभग 21,520 करोड़ रुपये है। इन परियोजनाओं से भीड़भाड़ कम होगी, सुरक्षा और कनेक्टिविटी बढ़ेगी, रेल यात्रा की क्षमता और दक्षता में सुधार होगा। 

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