शासन-प्रशासन की कवायदें हैं जारी, पर रूक नही रही मुनाफाखोरी और कालाबाजारी

लखनऊ। ऐसे मुश्किल हालात और उस पर आम जरूरतों की चीजों पर कालाबाजारी की मार लोग झेल रहे हैं दोहरी मार। जी! ऐसा ही कुछ हाल फिलहाल लॉकडाउन के दौरान देश के सबसे अहम सूबे उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में देखने को मिला है। दरअसल सरकार की तमाम कवायदों के बावजूद भी कालाबाजारी और मुनाफाखोरी रुकने का नाम नहीं ले रही है।

इसके
लिये कुछ दुकानदार काफी
हद तक थोक
व्यापारियों और मिल मालिकों को
दोषी ठहरा रहे
हैं उनका मानना
है कि अगर
वो ऐसे में
हमसे मुनाफा न
कमायें तो हमें
क्या जरूरत है
कि हम ऐसा
करने को मजबूर
हों। उनका मानना है कि हम तो दो पाटों के बीच पिस रहे हैं। लगाम
सख्ती से बड़ो पर लगाई जाये तो मुनाफाखोरी और कालाबाजारी खुद ही थम जाये।

गौरतलब है कि लोगों द्वारा लगातार की जा रही शिकायतों कि उन्हें रोजमर्रा के सामान तय मूल्य से ज्यादा कीमत पर मिल रहा है। एसडीएम और एसीपी काकोरी को दुबग्गा चौराहा और काकोरी क्षेत्र स्थित किराना दुकानों पर तय मूल्य से ज्यादा कीमत पर सामान बेचे जाने की शिकायत मिल रही थी। जिस पर जहां एसडीएम ने
चालक तो वहीं एसीपी ने
दो महिला सिपाहियों को
ग्राहक बनाकर भेजा।
इसके बाद दोनों
अधिकारी खुद मौके पर
पहुंचे।

इस दौरान एसीपी सैयद मोहम्मद कासिम आबिदी ने महिला सिपाही अनिता व रेखा तो एसडीएम सूर्यकांत त्रिपाठी ने चालक जितेंद्र शर्मा को ग्राहक बनाकर भेजा। अनीता और रेखा ने एक-एक किलो दाल खरीदी। जहां दुकानदार ने 110 प्रति किलो कीमत बताई। इस पर दोनों ने कहा कि प्रशासन ने तो दाल का मूल्य 88 से 92 रुपये तय किया है। जब दोनों ने परिचय दिया तो दुकानदार ने माफी मांगी। इसी तरह जब एक दुकान पर आलू-प्याज खरीदने पहुंचे जितेंद्र को 50 रुपये कीमत बताई गई। उन्होंने जब खुद को एसडीएम का चालक बताया तो दुकानदार के होश उड़ गए। पीछे से पहुंचे दोनों अफसरों ने सब्जी दुकानदार को फटकार लगाई। मूल्य से अधिक दामों में न बेचने की हिदायत दी। जिस पर उन दुकानदारों ने माफी मांगते हुए आगे से ऐसा न करने की बात कही।  

इतना ही नही इस दौरान विभन्नि इलाकों से
राशन के कोटेदारों द्वारा अनिसमितता बरते जाने की शिकायतें आना जारी है। हालांकि मौके
पर पहुंचे अधिकारियों ने जब पड़ताल की तो अधिकांश शिकायतें गलतफहमी के चलते की गई थीं।
दरअसल कई जगहों पर काम में व्यवधान पैदा करने के लिए लोग ऐसी अफवाह फैला रहे हैं कि
सभी के लिये राशन मुफ्त है। जबकि ऐसा नहीं है।

क्योंकि राशन सिर्फ  अंत्योदय कार्डधारक, मरेगा मजदूर तथा
श्रम विभाग से
पंजीकृत मजदूरों को ही मुफ्त
मिलना है। उन्होंने सरकारी
निर्देशों का पालन कर
राशन वितरण का
निर्देश दिया है। इसी
प्रकार इसी प्रकार कुछ एक जगह गैस
एजेंसी पर भीड़
जुटते की सूचना
पर सभी को
हटाया गया। कर्मचारियों को
यह निर्देशित किया
गया कि डिलीवरी के
समय ग्राहकों के
घर पर ही
मोबाइल नंबर पंजीकृत करें। 

इस सबसे परे एक बड़ी कारवाई राजधानी के
अलीगंज इलाके में की गई जहां लॉकडाउन
में भी अलीगंज
के पुरनिया स्थित
महालक्ष्मी स्वीट्स गुरुवार को खुली मिली।
इस पर प्रशासन व
पुलिस की टीम
ने इसे सील
कर दिया। वहीं,
मालिक व प्रबंधक के
खिलाफ लॉकडाउन के
उल्लंघन और महामारी अधिनियम के
तहत मुकदमा दर्ज
किया गया।

इस बाबत जानकारी देते हुए अलीगंज प्रभारी निरीक्षक फरीद
अहमद के मुताबिक सूचना
मिली कि दुकान
में चोरीछिपे मिठाई
बनाई जा रही
है। पुलिस व
प्रशासन की टीम ने
छापा डाला तो
आरोप सही मिला।
एडीएम के आदेश
पर लॉकडाउन के
उल्लंघन और महामारी अधिनियम के
तहत मुकदमा दर्ज
किया गया है।

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