चलती ट्रेन में यात्रियों ने की विश्वकर्मा पूजा, मांगा अनोखा ये अनोखा वरदान

हमारे देश में हर साल 17 सितंबर को विश्वकर्मा जयंती के रूप में मनाया जाता है. मान्यता है कि इस दिन निर्माण के देवता भगवान विश्वकर्मा का जन्म हुआ था. यही कारण है कि संपूर्ण भारत में विश्वकर्मा जयंती मनाई जाती है. भगवान विश्वकर्मा की पूजा एक वास्तुकार के रूप में होती है, तभी इस दिन औजार, मशीन और दुकानों की पूजा भी की जाती है.  इसी मौके पर डाउन बर्दवान हावड़ा में लाइन में रोज़ सफर करने वाले यात्रियों ने ट्रेन के अंदर ही विश्वकर्मा पूजा की. ट्रेन के इस कम्पार्टमेंट के अंदर ही गुब्बारे फुलाकर और तरह-तरह की मालाओं से सजाकर कम्पार्टमेंट को सुंदर बना दिया.

इसके बाद धूपबत्ती जलाकर आरती की गई और फिर सबको मिठाई बांटी गई. सभी ने भगवान विश्वकर्मा से एक ही प्रार्थना की के ट्रेन सही समय पर यातायात करे, क्योंकि अगर देर से चलती है तो कई लोग समय पर अपने-अपने कर्मस्थल पर नहीं पहुंच पाते और इसीलिए सब चाहते हैं कि ट्रेन सही समय से अपने गंतव्य तक पहुंचे.

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मान्यता है कि समस्त देवी-देवताओं और भगवानों के महलों और अस्त्र-शस्त्र का निर्माण भगवान विश्वकर्मा ने किया था और यही कारण है कि भगवान विश्वकर्मा को शिल्पी भी कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि भगवान विश्वकर्मा पूरे ब्रह्माण के पहले इंजीनियर थे.

भगवान विश्वकर्मा के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में आज लोग अपने-अपने कार्यालय, फैक्ट्रियां और मशीनों की पूजा करते हैं. इसके साथ ही अस्त्र-शस्त्र और रोजगार या आपके पेशेवर जीवन में काम आने वाली मशीनों की भी पूजा कर सकते हैं.

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