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आजकल महिलाओं में अधिकतर बीमारियाँ प्रजनन सम्बन्धी होती है। महिलाओं में आयोडीन की कमी का अगर समय रहते उपचार न कराया जाए तो गर्भधारण करने में समस्या आना, बांझपन, नवजात शिशु में तंत्रिका तंत्र से संबंधिक गड़बड़ियां होने का खतरा बढ़ जाता है।

आयोडीन की कमी:

मानव शरीर में आयोडीन एक महत्वपूर्ण माइक्रो-न्यूट्रिएंट्स है। जो थायरॉइड हार्मोन के निर्माण के लिए आवश्यक है। आयोडीन डिफेशियंसी, आयोडीन तत्व की कमी है, यह हमारी डाइट का एक आवश्यक पोषण तत्व है। आयोडीन की कमी से हाइपो थायरॉइडिज्म हो जाता है।

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प्रजनन तंत्र की कार्यप्रणाली से सीधा संबंध:

महिलाओं के शरीर में आयोडीन की कमी का उनके प्रजनन तंत्र की कार्यप्रणाली से सीधा संबंध है। हाइपोथायरॉइडिज्म बांझपन और गर्भपात का सबसे प्रमुख कारण है। जब थायरॉइड ग्लैंड की कार्यप्रणाली धीमी पड़ जाती है, तो वह पर्याप्त मात्रा में हार्मोन का उत्पादन नहीं कर पाती है। जिससे अंडाशयों से अंडों को रिलीज करने में बाधा आती है।

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