रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले पर SC में सुनवाई का आखिरी फेज़ हुआ शुरू, पढ़े पूरी खबर

रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का आखिरी फेज़ शुरू हो गया है. 17 अक्टूबर को इस मामले में सुनवाई खत्म होनी है, इससे पहले सोमवार को मुस्लिम पक्ष की ओर से वकील राजीव धवन ने अपनी दलीलें रखीं. इस दौरान उन्होंने हिंदू पक्ष की ओर से लगातार स्कन्द पुराण और श्रद्धा के तर्कों पर सवाल उठाए. मुस्लिम पक्ष को आज ही अपनी दलील खत्म करनी है, जिसके बाद कल से हिंदू पक्ष जवाब देगा.

सोमवार को सुनवाई के अपडेट:

12.35 PM: मुस्लिम पक्ष की ओर से राजीव धवन ने अदालत में कहा कि श्रद्धा से जमीन नहीं मिलती है, स्कन्द पुराण से अयोध्या की जमीन का हक नहीं मिलता है. उन्होंने कहा कि अगर बेंच मोल्डिंग ऑफ रिलीफ के तहत किसी एक पक्ष को मालिकाना हक देकर दूसरे को विकल्प देती है तो मुस्लिम पक्षकारों का ही दावा बनता है.

उन्होंने कहा कि तीन पहलू टाइटल के सवाल पर बंटवारा ही गलत था, इस्लामिक कानून और कुरान बहुत पेचीदा है. हिन्दू पक्षकार इसके एक पक्ष के आधार पर हमारी वक़्फ़ की गई मस्जिद को खारिज नहीं कर सकते हैं, दूसरा लिमिटेशन और तीसरा एडवर्स पजेशन को लेकर है.

12.14 PM: मुस्लिम पक्ष की ओर से राजीव धवन ने कहा कि मैं किसी डायरी, श्रद्धा या विश्वास की बात नहीं करूंगा. हिंदू पक्ष का विवादित स्थल पर कभी कब्जा नहीं रहा था, उन्हें सिर्फ पूजा का अधिकार मिला था. किसी ने आजतक नहीं माना है कि हिंदू पक्ष का आंतरिक अहाते पर कब्जा था.

11.55 PM: मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने अदालत में कहा कि ब्रिटिश सरकार ने 1854 में बाबरी मस्जिद के लिए ग्रांट दिया था. 1885 से 1989 तक हिंदू पक्ष की ओर से जमीन पर कोई दावा नहीं किया गया.

11.30 AM: सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम पक्ष के राजीव धवन और हिंदू पक्ष के वकील वैद्यनाथन की ओर से लिखित दलीलें पेश की घई. राजीव धवन ने कहा कि गुम्बद के नीचे रामजन्म होने के श्रद्धालुओं के फूल चढ़ाने का दावा सिद्ध नहीं हुआ है, वहां तो ट्रेसपासिंग कर लोग घुस आए थे.

राजीव धवन ने कहा कि जब वहां पर पूजा चल रही थी, तो घुसने का क्या था. उन्होंने कहा कि कभी भी मंदिर तोड़कर मस्जिद नहीं बनाई, वहां लगातार नमाज़ होती रही है.

11.15 AM: सोमवार को अयोध्या केस की सुनवाई शुरू हो गई है. मुस्लिम पक्ष की ओर से राजीव धवन अपनी दलीलें रख रहे हैं. राजीव धवन ने कहा कि जब शुक्रवार को चार दिन की बात तय हुई तो मैं हिंदू पक्ष की दलील का जवाब नहीं दे सका था. अब मैं पूरी रफ्तार से अपनी दलीलें रखूंगा, फैक्ट्स बता दिए गए हैं और अब सिर्फ कानून की बात रखूंगा.

अयोध्या में लागू है धारा 144

सोमवार को शुरू हो रही अंतिम सुनवाई से पहले प्रशासन भी पूरी तरह मुस्तैद है. अयोध्या जिले में 10 दिसंबर तक के लिए धारा 144 लगा दी गई है, चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाबल मुस्तैद हैं. ताकि अगर फैसले से कुछ असर होता है तो उसे संभाला जा सके. हालांकि, धारा 144 के इस फैसले से अयोध्या में दिवाली के मौके पर होने वाले दीपोत्सव पर कोई असर नहीं होगा.

चार दिन में पूरी होगी सुनवाई?

सुप्रीम कोर्ट की ओर से जो समयसीमा तय की गई है, उसके हिसाब से अब सुनवाई के लिए कुल चार दिन का समय है. सोमवार को मुस्लिम पक्ष की ओर से दलील रखी जाएगी, फिर 16 अक्टूबर तक का समय हिंदू पक्ष के जवाब के लिए रखा गया है. 17 अक्टूबर को इस मामले में दलीलों का आखिरी दिन हो सकता है.

चीफ जस्टिस के रिटायर होने तक आएगा फैसला?

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं, ऐसे में उम्मीद लगाई जा रही है कि इस मामले का फैसला जल्द ही आ सकता है. बीते दिनों टिप्पणी करते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा था कि इस मामले की सुनवाई 17 अक्टूबर तक खत्म नहीं होती है तो जल्द फैसला आने में दिक्कत हो सकती है.

कौन कर रहा है इस मसले की सुनवाई?

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के अलावा इस मामले की सुनवाई कर रही संविधान पीठ में जस्टिस एस.ए. बोबड़े, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस एसए नज़ीर भी शामिल हैं. मध्यस्थता की कोशिशें असफल होने के बाद से 6 अगस्त को इस मामले की रोजाना सुनवाई शुरू हुई थी, तब से लेकर अबतक हफ्ते में पांच दिन इस मसले की सुनवाई हो रही है.

Back to top button