भाजपा की रणनीति हुई सफल, रामनाथ को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाने की ये है असली वजह
बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित करने के पीछे भाजपा की बड़ी रणनीति सामने आ रही है। रामनाथ को राष्ट्रपति पद का कैंडिडेट बनाने से भाजपा ने दलितों का बड़ा समर्थन जुटाने का पासा फेंक दिया है। इससे यूपी में मायावती की पार्टी बसपा को बड़ा झटका लग सकता है।
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भाजपा के दलित कार्ड के तौर पर इसे देखा जा रहा है। उधर इस घोषणा के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने उम्मीद जताई की कोविंद को चुनाव में सभी राजनीतिक दलों का समर्थन मिलेगा। सोमवार को संसदीय बोर्ड की बैठक में लंबी सूची पर विचार किया गया और अंत में बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद का नाम तय किया गया। उन्होंने कहा कि कोविंद अनुसूचित जाति समुदाय से आते हैं और 12 वर्ष तक राज्यसभा सदस्य रहे हैं।
वह भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रमुख भी रहे हैं। इसके अलावा वह उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में वकालत भी कर चुके हैं। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि नामांकन भरने की तिथि कोविंद से बातचीत कर तय की जाएगी लेकिन संभावना है कि 23 जून को नामांकन पत्र दाखिल कर दिया जाएगा। राम नाथ कोविंद का जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात जिले की तहसील डेरापुर के एक छोटे से गांव परौंख में हुआ था।