चल गया PM मोदी का जादू, डोनाल्ड ट्रम्प ने तोड़ी सालों से चली आ रही परंपरा

वॉशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जब से सत्ता में आये हैं उन्होंने एक के बाद एक अपने फैसलों से पूरी दुनिया को हिला रखा है. सबसे पहला धमाका तो उन्होंने अपने शपथ में ही कर दिया था, जब उन्होंने आतंकवाद को इस्लामिक आतंकवाद का दर्ज़ा दिया था. इसके बाद पूरी दुनिया की सुर्ख़ियों में उन्होंने जगह बना ली थी. एक बार फिर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रमजान के अवसर पर मुसलमानों को सबसे तगड़ा झटका तब दिया है जब पीएम मोदी भी अमेरिका में हैं.

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डोनाल्ड ट्रम्प का मुस्लिमों को सबसे बड़ा झटका

अभी कुछ वक़्त पहले ही डोनाल्ड ट्रम्प ने मुस्लिमो को तगड़ा झटका तब दिया था जब उन्होंने सात मुस्लिम देशो के लोगों के लिए अमेरिका में घुसने से बैन लगा दिया था और तो और उन्होंने मस्जिदों पर कड़ी सुरक्षा निगरानी शुरू करवा दी थी. लेकिन अब जो खबर आ रही है उसने तो मुस्लिमों को अंदर तक हिला के रख दिया है. डोनाल्ड ट्रम्प ने पिछले 20 साल से चली आ रही परंपरा को तोड़ दिया है. उन्होंने व्हाइट हाउस में आयोजित होने वाली इफ्तार डिनर पार्टी को रद्द कर दिया है. आपको बता दें ये बेहद बड़ी खबर है क्यूंकि पिछले 20 साल में यह पहली बार हो रहा, जब व्हाइट हाउस में मुसलमानों को इफ्तार पार्टी नहीं दी जाएगी. यहाँ तक की 9 / 11 के घातक आतंकवादी हमले के बाद भी जॉर्ज डब्लू बुश ने भी इफ्तार पार्टी दी थी.

जो किसी राष्ट्रपति ने नहीं किया वो ट्रम्प ने कर दिया, तोड़ दी 20 साल पुरानी परंपरा

वर्ष 1996 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के शासन में मुसलमानों के साथ आपसी भाईचारे के लिए इफ्तार पार्टी देने की शुरुआत हिलेरी क्लिंटन द्वारा की गई थी. इस इफ्तार पार्टी देने की प्रथा को पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश और बराक ओबामा ने जारी रखा था. इस इफ्तार पार्टी में बड़े मुस्लिम समुदाय के प्रतिष्ठित सदस्यों के साथ ही मुस्लिम देशों के राजनयिक और सीनेटर शामिल होते हैं. लेकिन इस सब प्रथा को ठुकराते हुए ट्रम्प ने इफ्तार पार्टी देने के बजाय सिर्फ शुभकामनाएं देकर 20 साल पुरानी परंपरा को तोड़ दिया.

चल गया मोदी का जादू

बड़े राजनीतिज्ञ ट्रंप के इस कदम को मुसलमानों के लिए अब तक का सबसे करारा झटका बता रहे हैं. यही नहीं 9/11 के आतंकी हमले के बाद भी जॉर्ज बुश ने इफ्तार पार्टी जारी रखी थी. उन्होंने कहा था कि उनकी लड़ाई आतंकवाद के खिलाफ है, न कि इस्लाम के खिलाफ. लेकिन ट्रम्प वो ऐसे पहले दुनिया के राष्ट्रपति हैं जिन्होंने तो आतंकवाद को इस्लामिक तक कह दिया था.

आपको बता दें 26 तारीख को दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र और सबसे बड़े लोकतंत्र के मुखिया आमने सामने होंगे. आज सुबह ही डोनाल्ड ट्रम्प ने ट्वीट कर पीएम मोदी से मिलने की इच्छा जताते हुए बेसब्री दिखाई और मोदी को अपना सबसे अच्छा दोस्त भी बताया.

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