ताजमहल संरक्षण के विजन डाक्यूमेंट पर सुप्रीम कोर्ट ने ASI से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल और उसके आसपास के पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए तैयार किए गए विजन डाक्यूमेंट पर भारतीय पुरातत्व संरक्षण (एएसआइ) से जवाब मांगा है।

इसके साथ ही कोर्ट ने ताजमहल के पास यमुना नदी की गाद और कचरा साफ करने की मांग पर केंद्र सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार और आगरा विकास प्राधिकरण से भी जवाब तलब किया है। ये निर्देश सोमवार को जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्वल भुइयां की पीठ ने ताजमहल और ताज ट्रिपेजियम जोन (टीटीजेड) के संरक्षण के मामले में सुनवाई के दौरान दिए।

इस बात पर पीठ ने जताया था आश्चर्य
जब कोर्ट ताजमहल संरक्षण के लिए तैयार किए गए विजन डाक्यूमेंट को लागू करने से संबंधित अर्जी पर सुनवाई कर रहा था तो पीठ ने इस बात पर आश्चर्य जताया कि 26 जुलाई 2018 को यह बात नोट की गई थी कि प्लान तैयार हो गया है लेकिन उसमें एएसआइ से परामर्श नहीं किया गया जोकि ताजमहल का संरक्षण देख रही है। पीठ ने कहा कि वह इस मामले में एएसआइ का जवाब जानना चाहती है। कोर्ट ने विजन डाक्यूमेंट पर एएसआइ का जवाब मांगते हुए मामले को 11 जुलाई को फिर सुनवाई पर लगाने का आदेश दिया।

ये उठाए गए थे मुद्दे
मालूम हो कि 2017 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर ताजमहल और उसके आसपास के संरक्षण के लिए फ्यूचरिस्टिक प्लान का विजन डाक्यूमेंट तैयार किया गया था। यह विजन डाक्यूमेंट स्कूल आफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर ने राज्य सरकार के साथ मिलकर तैयार किया था। कोर्ट के समक्ष एक और अर्जी सुनवाई के लिए आई जिसमें ताजमहल के पास यमुना नदी में जमी हुई गाद और कचरे की सफाई का मुद्दा उठाया गया था। पीठ ने इस पर सुनवाई करते हुए कहा कि नदी की गाद और गंदगी की सफाई के सुझाव पर कोई विवाद नहीं होना चाहिए।

कोर्ट ने कहा कि अगर अभी तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है तो तत्काल उठाने की जरूरत है। केंद्र सरकार चाहे तो इसमें विशेषज्ञों की मदद ले सकती है। नदी के किनारे की गंदगी और गाद की सफाई निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है।

केंद्र, राज्य और आगरा विकास प्राधिकरण से मांगा हलफनामा
पीठ ने इस संबंध में उठाए गए कदमों पर उत्तर प्रदेश सरकार, आगरा विकास प्राधिकरण और केंद्र सरकार से हलफनामा मांगा है। साथ ही उनसे स्पष्ट करने का कहा है कि कि यमुना नदी की गाद और कचरे की सफाई की जिम्मेदारी किस एजेंसी की है। तीनों को 11 जुलाई तक हलफनामा दाखिल करना है। इसके अलावा कोर्ट ने आगरा को व‌र्ल्ड हैरिटेज सिटी का टैग दिए जाने की मांग पर भी केंद्र सरकार से छह सप्ताह में जवाब मांगा है।

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