जब दिव्यांग दुल्हन को गोद में उठाकर शादी करने पहुंचा डॉक्टर दूल्हा…

जबलपुर: दिव्यांगों की उपेक्षा करने वालों के सामने मध्य प्रदेश के एक डॉक्टर ने मिसाल पेश की है. जिस लड़की ने अपनी दिव्यांगता के चलते शादी के सपने देखना ही बंद कर दिया था.

उसे डॉक्टर दुल्हा ने अपनाया और दुनिया को संदेश देने के लिए दुल्हन को गोद में उठाकर जबलपुर के कलेक्ट्रेट में मैरिज करने पहुंचा. रास्ते में जिसने भी जोड़े को देखा एक ही बात कही, प्यार मन की सुंदरता को देखकर होता है. जातीय बंधन को तोड़कर हुई इस शादी में बैंड बाजा या बारात का तामझाम भी नहीं दिखा, जो अपने आप में युवाओं को एक बड़ा संदेश है. कलेक्ट्रेट में इस जोड़े को आर्शीवाद देने वालों की भीड़ जमा हो गई. कुछ लोगों ने तो माला पहनाकर भी इस जोड़े का स्वागत किया.

मां के इलाज के बहाने हुआ प्यार
कोलकाता के रहने वाले समीरन बाला आयुर्वेद के डॉक्टर हैं और जबलपुर में प्रैक्टिस करते हैं. कुछ दिन पहले वे एक बुजुर्ग महिला मीरा पटेल का इलाज करने उनके घर गए थे. वहां उनकी नजर एक दिव्यांग लड़की मीना पटेल पर पड़ी. इलाज के सिलसिले में डॉक्टर समीरन का उस घर में दो-तीन बार जाना हुआ. इसी दौरान मीना और समीरन में प्यार हो गया. दरअसल, मीरा पटेल ही मीना की मां हैं.

इस शादी में टूटा जातिय बंधन
कुछ दिनों बाद मीना और समीरन ने शादी करने का फैसला किया. डॉक्टर समीरन बाला बंगाली ब्राह्मण हैं और मीना पटेल समाज से ताल्लुक रखती हैं. इस शादी के लिए डॉक्टर समीरन को अपने परिवार वालों को राजी करने में खासी मशक्कत करनी पड़ी. दोनों परिवारों के बीच कई बार बातचीत हुई, जिसके बाद वे जातिय बंधन से ऊपर उठकर समीरन और मीना की शादी कराने को तैयार हुए. 
परिवार के लोग चाहते थे कि यह शादी पूरे धूमधाम से हो, लेकिन इस जोड़े ने युवाओं के सामने मिसाल कायम करने के लिहाज से मंगलवार को बेहद सादगी से कोर्ट में शादी रचाई. 
शादी के डॉक्टर समीरन और मीना ने कहा, ‘हमें नहीं मालूम कि हमने कितना सही फैसला लिया है, हम तो बस इतना जानते हैं कि हमें एक-दूसरे से प्यार था, इसलिए शादी कर ली.’

पोलियो की शिकार हैं दुल्हन
दुल्हन मीना ने बताया कि बचपन में ही वह पोलियो की शिकार हो गईं थीं, जिसके चलते उनके दोनों पैर काम नहीं करते हैं. उन्होंने बताया कि पहले तो घर वालों ने सामान्य लड़के से उसकी शादी करानी चाही पर बात नहीं बनी. बाद में कई दिव्यांग लड़के से भी शादी की बात चलाई गई, लेकिन अंजाम तक नहीं पहुंच पाया. पिछले दो-तीन साल से तो उसने मान लिया था कि अब उसकी शादी नहीं होगी. 
मां के इलाके बहाने डॉक्टर समीरन से मीना की मुलाकात हुई और दोनों एक दूसरे को पसंद करने लगे. मीना कहती हैं वह खुशनसीब है कि उन्हें जीवन में समीरन जैसा प्यार करने वाला जीवनसाथी मिला. वहीं समीरन का कहना है कि मीना दिल की बहुत ही अच्छी हैं, उसकी सादगी और सच्चाई उसके दिल को छू गई थी, शायद यही वह वजह थी कि उन्होंने मीना को प्रपोज किया था.

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