क्वारंटाइन के बजाये डिटेंशन केंद्र रखने की बात का क्या है पूरा सच

स्पेशल डेस्क

भारत में कोरोना वायरस तेजी से अपनी जड़े मजबूत कर रहा है। जब से देश में कोरोना वायरस फैला है तब से देश में अफवाहों ने भी खूब जोर पकड़ा है। दरअसल भारत जहां कोरोना के खिलाफ लड़ रहा है तो दूसरी ओर सोशल मीडिया पर झूठी खबरें और अफवाहों से जूझना पड़ रहा है।

कोरोना काल में इन दिनों सोशल मीडिया पर एक मैसेज तेजी से वायरल हो रहा है। इस मैसेज में बताया जा रहा है कि एक समुदाय के लोगों को कोरोना की आड़ में जानबूझकर क्वारंटाइन सेंटर भेजा जा रहा है लेकिन असल में वो डिटेंशन केंद्र है लेकिन इस दावे में कितनी सच्चाई यह जानना बेहद जरूरी है।

सोशल मीडिया पर इस तरह का मैसेज देकर लोगों को भडक़ाया जा रहा है। आलम तो यह है लोग सच्चाई जाने बगैर इस पर अपनी प्रतिक्रिया देने के साथ-साथ इस मैसेज को शेयर कर रहे हैं लेकिन सच्चाई इसके उलट है और दावा पूरी तरह से गलत है।

इस मैसेज पर पीआईबी ने सच्चाई जानी है और क्वारंटाइन सेंटर के बजाये डिटेंशन केंद्र की बातों का पोस्टमार्टम किया है। पीआईबी फैक्ट चेक के अनुसार जबकि वास्तविकता ये है केवल उन लोगों को, जिनमें कोरोना के लक्षण हैं या उनसे फैलने की संभावना है, उन्हें क्वारंटाइन किया जा रहा है। इसलिए मनगढ़त वीडियो और बातों पर विश्वास न करें।

बता दें कि चीन से निकला कोरोना वायरस पूरी दुनिया में लगातार खतरा बना हुआ है। भारत में अब तक 14378 लोग कोरोना की चपेट में है जबकि 480 लोगों की मौत हो चुकी है।

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