अभी-अभी: स्टेशन के नाम रखने के प्रस्ताव पर राज्यसभा में नेताओं ने मचा दिया हड़कंप

नई दिल्ली:  मुगलसराय स्टेशन का नाम बदलकर दीन दयाल उपाध्याय के नाम पर करने के प्रस्ताव को लेकर संसद में आज खूब हंगामा हुआ.  राज्यसभा में समाजवादी पार्टी ने आज ये मुद्दा उठाया और सरकार पर जगहों की पहचान बदलने को लेकर सवाल उठाए.

अभी-अभी: स्टेशन के नाम रखने के प्रस्ताव पर राज्यसभा में नेताओं ने मचा दिया हड़कंप

मुगलसराय का नाम बदलने के प्रस्ताव पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ अपनी हरी झंडी दे चुके हैं, अब रेल मंत्रालय को इस पर फैसला करना है.

बता दें कि मुगलसराय का नाम बदलने के प्रस्ताव पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ अपनी हरी झंडी दे चुके हैं. योगी सरकार के इस फैसले को गृह मंत्रालय ने भी अपनी हरी झंडी दे दी है. अब रेल मंत्रालय को इस पर फैसला करना है.

इस मुद्दे पर सदन में सपा सांसद नरेश अग्रवाल ने कहा कि सरकार सारे पुराने शहरों और जगहों के नाम बदल रही है. इस पर चर्चा होनी चाहिए. वहीं सरकार की ओर से केंद्रीय मंत्री नकवी ने जवाब देते हुए कहा कि विपक्ष को मुग़लों के नाम पर नहीं, दयाल जी के नाम पर आपत्ति है. विपक्ष ने सवाल खड़ा किया कि जिसका कोई योगदान नहीं उसके नाम पर जगहों के नाम क्यों रखे जा रहे हैं?

यह भी पढ़ें: अभी-अभी: हुई सबसे बड़ी रेल दुर्घटना, नदी में समा गई पूरी की पूरी ट्रेन

यूपी सरकार ने इसी साल जून में स्टेशन का नाम बदलने के प्रस्ताव को हरी झंडी दी थी. जुलाई में गृह मंत्रालय को यूपी सरकार से एनओसी मिल गई थी. सरकारी नियमों के मुताबिक, किसी स्टेशन, गांव, शहर का नाम बदलने के लिए राज्य सरकार को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एनओसी लेने की जरुरत होती है.

कौन थे पं. दीनदयाल उपाध्याय 

पं. दीनदयाल उपाध्याय का जन्म 25 सितम्बर 1916 को मथुरा जिले के छोटे से गांव नगला चन्द्रभान में हुआ था. वे भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष भी रहे. दीनदयाल सिर्फ एक राजनेता नहीं थे, वे एक पत्रकार, लेखक, संगठनकर्ता, वैचारिक चेतना से लैस एक सजग इतिहासकार, अर्थशास्त्री और भाषाविद् भी थे. अपनी प्रखर बौद्धिक चेतना, समर्पण और स्वाध्याय से वे भारतीय जनसंघ को एक वैचारिक और नैतिक आधार देने में सफल रहे. वे गांधी और लोहिया के बाद एक ऐसे राजनीतिक विचारक हैं, जिन्होंने भारत को समझा और उसकी समस्याओं के हल तलाशने के लिए सचेतन प्रयास किए.

Back to top button