अलगाववादियों पर यमन के प्रधानमंत्री ने लगाया ये बड़ा आरोप

यमन के प्रधानमंत्री अहमद बिन डागर ने दक्षिणी अलगाववादियों पर रविवार को तख्तापलट की कोशिश का आरोप लगाया है. डागर ने यह आरोप अलगाववादियों के अदन की अंतरिम राजधानी में सरकारी मुख्यालय पर कब्जा करने के बाद लगाया.

बता दें कि प्रधानमंत्री डागर ने एक वक्तव्य में ईरान समर्थित हौती विद्रोहियों से लड़ रहे सऊदी नीत गठबंधन से हस्तक्षेप करने की अपील की. यह अपील राष्ट्रपति आबिदरब्बो मंसूर की सरकार की वफादार सैन्य इकाई और दक्षिणी अलगाववादियों के वफादार सुरक्षा बलों के बीच भीषण संघर्ष के कुछ घंटों बाद की गई. सुरक्षा सूत्रों और निवासियों ने बताया कि शहर के अधिकांश हिस्सों में तनाव फैल जाने के कारण संघर्ष हो रहा है.

सरकार ने सऊदी के नेतृत्व वाली सैन्य गठबंधन से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया, जो हादी का ईरान समर्थित हौती का सपोर्ट कर रही है और यह गठबंधन, उत्तर में अधिक नियंत्रण करते हैं.

दक्षिणी अलगाववादी, 1990 में यमन एकीकरण के बाद यमन को एक स्वतंत्र राज्य के तौर पर वापसी चाहते थे. दक्षिणी अलगाववादियों ने हौती विद्रोहियों के खिलाफ हादी की सरकार का समर्थन किया, लेकिन दोनों के बीच तनाव बढ़ रहा था.

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अदन के ज्यादातर हिस्सों में हुए संघर्ष में कम से कम छह लोग मारे गए हैं और दर्जनों अन्य घायल हो चुके हैं.

प्रधान मंत्री अहमद बिन डेगर ने एक बयान में कहा, “अदन में वैधता और देश की एकता के खिलाफ एक तख्तापलट की कोशिश चल रही है.” बता दें कि रविवार शाम तक अलगाववादियों ने राष्ट्रपति महल की तरफ से दो सड़कों पर कब्जा कर लिया, जहां सरकार के कई सदस्य रह रहे थे.

सरकार के अरब गठबंधन के साथ वार्ता के बाद एक बयान में कहा गया कि आपको सभी सैन्य इकाइयों को तुरंत सीजफायर के लिए आदेश करना चाहिए.

डागर ने चेतावनी दी कि देश के बाकी हिस्सों से दक्षिण यमन को अलग करने से विद्रोहियों और ईरान को लाभ होगा, और कहा कि अदेन की स्थिति “कुल सैन्य टकराव” की जैसी बन गई थी.

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