Triple Talaq: इंद्रेश कुमार ने कहा-ओवैसी जैसे नेता देश को बांटने का काम करते हैं….

 देश के 70 फीसदी लोग इस पक्ष में हैं कि जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग करने वाली धारा 370 और 35ए को हटाया जाना चाहिए। देश में एक संविधान, समान नागरिकता होना चाहिए। यह बात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने बुधवार को भोपाल में कही। वे यहां राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच द्वारा आयोजित कार्यक्रम ‘नो मोर पाकिस्तान, नो मोर चाइना” विषय पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि 14 सौ साल पुरानी ‘तीन तलाक” कुप्रथा को बिल पारित कर जिस ऐतिहासिक तरीके से समाप्त किया गया, उसी तरह कश्मीर में लागू धारा 370 और 35ए को भी खत्म किया जाएगा। इसके अगले चरण में पीओके (पाक अधिकृत कश्मीर) और सीओके (चीन अधिकृत कश्मीर ) को मुक्त कराने की तैयारी है। इंद्रेश कुमार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य हैं और अल्पसंख्यकों को राष्ट्रीय मुख्य धारा में शामिल करने के काम में जुटे हैं। राष्ट्रीय मुस्लिम मंच, सद्भावना मंच और राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच इन्हीं के प्रयासों का हिस्सा है।

ओवैसी मुझसे इस्लाम सीखें

असदुद्दीन ओवैसी को मुझसे इस्लाम सीखना चाहिए। तीन तलाक बिल का विरोध करने पर इंद्रेश कुमार ने कहा कि ओवैसी जैसे नेता देश को बांटने का काम करते हैं। ओवैसी निकाह को कॉन्ट्रेक्ट कहते हैं, जबकि ये तो कयामत तक के लिए होता है। उन्होंने कहा कि, खुदा भी तलाक को नापसंद करता है। कुरान में भी कहीं इसका उल्लेख नहीं है। मुंबई 26/11 आतंकी हमले में शहीद हेमंत करकरे पर साध्वी प्रज्ञा द्वारा दिए गए विवादित बयान का इंद्रेश कुमार ने समर्थन कर बचाव किया। उन्होंने कहा कि प्रज्ञा ने करुणा दिखाई थी। करकरे का उनकी शहादत के लिए हम सम्मान करते हैं, लेकिन दूसरी तरफ ये भी ध्यान रखना चाहिए कि उन्होंने एक साध्वी को आतंकवाद में फंसाने के लिए अत्याचार किया है।

संसार में आने का रास्ता औरत की कोख है

इंद्रेश कुमार ने कहा कि सभी मजमों में औरत के लिए पवित्र स्थान दिया गया है, क्योंकि संसार में आने का रास्ता औरत की कोख से आता है। इसके अलावा संसार में आने का कोई और दूसरा रास्ता नहीं है, यहां तक कि भगवान भी संसार में आएगा तो वह भी इसी रास्ते से आएगा। इसके बाद भी पुरुष और औरत पर जुल्म ढाता है, जब भगवान ने औरत के साथ कोई भेदभाव नहीं किया तो हम इंसान क्यों करें, उसके ऊपर भू्रण हत्या, जुल्म, दहेज प्रथा जैसी चीजें क्यों थोपी गईं। ऐसा करके इंसान संसार में जन्म लेने का रास्ता बंद करता जा रहा है। सभी धर्मों में भू्रण हत्या को गुनाह माना गया है, तलाक भी गुनाह है।

उन्होंने कहा कि हमें आदत थी, अपने घर के साथ-साथ मोहल्ले साफ रखने की, लेकिन अंग्रेज हमें सिर्फ अपना घर साफ रखने की आदत डाल गए। आज हालत ऐसे हो गए हैं कि मोहल्ले की सफाई कोई नहीं रखना चाहता। सभी को यह संकल्प लेना होगा कि मोहल्ले को गंदा नहीं रखेंगे तो हम ही बीमार होंगे।

दुनिया के किसी देश के अपमान के बारे में नहीं पढ़ा

उन्होंने कहा कि,”दुनिया के किसी देश के बारे में आपने आज तक यह नहीं पढ़ा होगा कि वहां के नागरिकों ने उस देश का झंडा, राष्ट्रगान और उस देश की इज्जत करने का विरोध किया हो, जो जिस मुल्क का है, वह उसका सम्मान करता है। उससे लगाव रखता है, लेकिन भारत में यह सब हो रहा है। भारत में सभी धर्मों के लोग रहते हैं, लेकिन वह देश से प्यार करने से बचते हैं। वह भारत के झंडे का सम्मान नहीं करते और न ही राष्ट्रगान गाते हैं। यह कैसी स्वतंत्रता और देश भक्ति है। उन्होंने कहा कि हम एक हिंदुस्तानी हैं और रहेंगे, इस एहसास के साथ जिएं तभी हम एक कहे जा सकते हैं।”

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