पांच वर्षों में तीसरी बार मयंक ने ‍कर्नाटक को दिलाई विजय हजारे ट्रॉफी

मयंक अग्रवाल (90) और कृष्णप्पा गौतम (3/27) के दम पर कर्नाटक ने मंगलवार को फिरोजशाह कोटला मैदान पर खेले गए विजय हजारे ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले में सौराष्ट्र को 41 रनों से हराकर खिताबी जीत दर्ज की। पिछले पांच साल में ये तीसरा मौका है जब कर्नाटक की टीम ने विजय हजारे ट्राफी पर कब्ज़ा जमाया है।

इस मैच में सौराष्ट्र के कप्तान चेतेश्वर पुजारा ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाज़ी करने का फैसला किया। बल्लेबाज़ी के लिए उतरी कर्नाटक की टीम के सलामी बल्लेबाज़ मयंक अग्रवाल ने अपनी दमदार फॉर्म को जारी रखते हुए 79 गेंदों में 90 रन की पारी खेली। इस पारी के दौरान मयंक ने 11 चौके और 3 छक्के भी लगाए। रविकुमार सामर्थ ने 49 तथा पवन देशपांडे ने 48 रनों की पारी खेली। श्रेयष गोपाल ने भी 31 रनों का योगदान दिया। सौराष्ट्र की ओर से कमलेश मकवाना ने 34 रन देकर चार सफलता हासिल की। इसके अलावा प्रीराक मांकड ने दो विकेट लिए। दो खिलाड़ी रन आउट हुए। कर्नाटक की टीम पूरे 50 ओवर भी नहीं खेल सकी और 45.4 ओवर में ही 253 रन बनाकर ऑल आउट हो गई।

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254 रन का पीछा करने उतरी सौराष्ट्र की टीम ने 46.3 ओवर में 212 रन बनाकर सिमट गई और कर्नाटक ने 41 रन से खिताबी मुकाबला जीतकर एक बार फिर से विजय हज़ारे ट्रॉफी पर कब्ज़ा जमा लिया। सौराष्ट्र की तरफ से सबसे ज़्यादा 94 रन कप्तान चेतेश्वर पुजारा ने बनाए। पुजारा 94 रन के स्कोर पर रन आउट हो गए। पुजारा ने 127 गेंदों का सामना कर 10 चौके और एक छक्का लगाया। वह रन आउट हुए। इसके अलावा कोई और बल्लेबाज चल नहीं सका। चिराग जानी ने 22 रन जोड़े। मकवाना 22 रनों पर नाबाद लौटे। वहीं इस खिताबी मुकाबले में रवींद्र जडेजा सिर्फ 15 रन बनाकर आउट हुए। कर्नाटक की ओर से कृष्णप्पा गौतम और प्रसिद्ध कृष्णा को तीन-तीन विकेट मिले। इसके अलावा, स्टुअर्ट बिन्नी और पवन देशपांडे को एक-एक सफलता मिली।

कर्नाटक ने इस जीत के साथ ही तीसरी बार यह खिताब अपने नाम तीसरी बार अपने नाम किया है। इससे पहले उसने 2013-14, 2014-15 में विजय हजारे ट्रॉफी अपने नाम की थी।

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