जिला उद्योग व्यापार केंद्र के पूर्व महाप्रबंधक ने एआइएमपी पर लगाया रंजिश का आरोप….

खड़ी कराई और ब्लैकमेलिंग की उद्योगपतियों की शिकायत में रंजिश का नया मोड़ आ गया है। पांच दिन पहले उद्योगपतियों ने भाजपा नेता जगमोहन वर्मा के खिलाफ कलेक्टर से ब्लैकमेलिंग की शिकायत की थी। उनके साथ उद्योग विभाग के अधिकारी को भी शामिल बताया। इसके बाद अपर कलेक्टर ने भाजपा नेता को नोटिस जारी कर बयान देने बुलाया है। इस बीच उद्योग विभाग के अधिकारी ने कलेक्टर को पत्र लिखकर शिकायत के बहाने उद्योगपति पर पुरानी रंजिश का बदला निकालने का आरोप लगा दिया है।

एसोसिएशन आफ इंडस्ट्रीज मप्र (एआइएमपी) के पदाधिकारी 14 मार्च को कलेक्टर मनीष सिंह से मिले थे। उद्योगपतियों ने शिकायत की थी कि खड़ी कराई बंद करवाने के बाद भाजपा नेता जगमोहन वर्मा आरटीआइ लगाकर ब्लैकमेल कर रहे हैं। जिला उद्योग एवं व्यापार केंद्र इंदौर के पूर्व महाप्रबंधक आत्मरामा सोनी भी उनका ब्लैकमेलिंग में साथ दे रहे हैं। मामले में सोनी को अब तक किसी तरह का नोटिस नहीं दिया गया, लेकिन सोनी ने खुद ही कलेक्टर को पत्र भेजकर शिकायत करने वाले उद्योगपति के खिलाफ ही आरोपों का पिटारा खोल दिया है। सोनी ने दावा किया है कि एसोसिएशन और उद्योगपतियों के खिलाफ वे खुद न्यायिक कार्रवाई करने जा रहे हैं। उद्योगपति, नेता और अधिकारी के बीच शुरू हुई जंग अब लंबी खिंचती दिख रही है।

ईओडब्ल्यू में शिकायत – इंदौर के उद्योग विभाग में रहे आत्माराम सोनी ने कलेक्टर कार्यालय में 16 मार्च को अपनी ओर से पत्र सौंपा। इसमें लिखा कि उनके खिलाफ शिकायत करने वाले एआइएमपी के उपाध्यक्ष योगेश मेहता के भतीजे के खिलाफ उन्होंने 2016 में रावजी बाजार थाने में शिकायत की थी। मामला अब भी न्यायालय में लंबित है। इस बीच मैंने आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) में भी मेहता के खिलाफ शिकायत की थी। भतीजे के खिलाफ मामले में समझौता बनाने का दबाव बनाते हुए वे मुझसे रंजिश रख रहे हैं। सोनी ने सफाई दी कि छह साल से वे इंदौर से बाहर पदस्थ हैं और मेहता से मिले भी नहीं हैं। सोनी ने कलेक्टर को यह भी लिख दिया है कि उनकी शिकायत के बाद उद्योगपति से आडिटर जनरल ग्वालियर ने 26 लाख रुपये की वसूली निकाली है। जगमोहन वर्मा से संंबंध होने से भी सोनी ने इन्कार किया है।

‘मैं जवाब देने जाऊंगा” – इस बीच भाजपा नेता जगमोहन वर्मा ने कहा कि मुझे अपर कलेक्टर पवन जैन का नोटिस मिला है। उद्योगपतियों ने ब्लैकमेलिंग के आरोप लगाए हैं। सोमवार को मुझे बयान के लिए बुलाया गया है। हैरानी है कि आरटीआइ कानून को प्रशासन ब्लैकमेलिंग करार दे रहा है। मैंने न तो उद्योगपतियों को कोई फोन किया, न किसी को भेजा या चिट्ठी लिखी। गड़बड़ी उजागर करने से कुछ लोग और अधिकारी डरे हुए हैं।

मुख्यमंत्री से मिलेंगे उद्योगपति – उद्योग विभाग के जीएम की चिट्ठी को एआइएमपी ने झूठ से भरा बताया है। एआइएमपी के उपाध्यक्ष योगेश मेहता ने कहा कि ईओडब्ल्यू में आत्माराम सोनी ने झूठी शिकायत की थी। जांच के बाद उसे विभाग ने नस्तीबद्ध कर दिया है। इसके बाद अब वही शिकायत वर्मा कर रहे हैं। साफ है कि दोनों मिले हुए हैं। मुझ पर रिकवरी का आरोप भी झूठा है। इसे आयुक्त ने शून्य कर दिया है। मेरे ऊपर एक रुपये की रिकवरी नहीं है। सोनी ने ही परेशान करने के लिए झूठा रिकवरी आदेश निकाला था। उज्जैन से लेकर बैतूल तक के उद्योगपति इनके खिलाफ शिकायत कर चुके हैं। हमारी शिकायत व्यक्तिगत नहीं, उद्योगों के हित के लिए है। जल्द एआइएमपी के सदस्य मुख्यमंत्री से भी मिलकर शिकायत करेंगे।

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