अब राजस्थान में फिल्म पद्मावत के विरोध को लेकर हुआ विवाद

जयपुर। पद्मावत फिल्म के विरोध को लेकर राजपूत करणी सेना में भी विवाद पैदा हो गया है। विवाद की जड़ करणी सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व राजस्थान इकाई के प्रदेश अध्यक्ष योगेंद्र सिंह कटार का वह पत्र है, जिसमें पद्मावत फिल्म के विरोध में चल रहे आंदोलन को बिना शर्त वापस लेने की बात कही गई है। सोशल मीडिया पर कटार का यह पत्र वायरल होते ही राजपूत करणी सेना की ओर से तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है।

अब राजस्थान में फिल्म पद्मावत के विरोध को लेकर हुआ विवादसंस्थापक लोकेंद्र सिंह कालवी ने कहा कि आंदोलन जारी रहेगा और पद्मावत का प्रदर्शन किसी भी हालत में नहीं होने दिया जाएगा। उधर, राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने कहा कि संगठन की ओर से किसी ने पत्र जारी नहीं किया। योगेंद्र सिंह कटार नामक व्यक्ति का संगठन से कोई लेना देना नहीं है। दरअसल शुक्रवार रात सोशल मीडिया पर वायरल योगेंद्र सिंह कटार के पत्र में कहा गया है कि उन्होंने मुंबई में संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के निर्देश पर फिल्म देखी है।

फिल्म में राजपूतों के त्याग-बलिदान और पद्मावती की महानता को अच्छे ढंग से बताया गया है। इसके बाद उन्होंने राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश सरकार से फिल्म पर लगी रोक हटाने भी आग्रह किया है। इस मामले में शनिवार दोपहर गोगामेड़ी ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि संगठन की ओर से किसी ने पत्र जारी नहीं किया और न ही मैंने किसी को फिल्म देखने के लिए अधिकृत किया। उन्होंने कहा कि कटार हमारे संगठन का पदाधिकारी ही नहीं हैं।

कांग्रेस को जिताना नहीं, भाजपा को हराना था मकसद

राजस्थान में उप चुनावों के नतीजों पर लोकेंद्र सिंह कालवी ने कहा कि हमारा मकसद कांग्रेस को जिताना नहीं, बल्कि भाजपा को हराना था। देशभर के राजपूत फिल्म पद्मावत पर पूर्ण प्रतिबंध चाहते थे, लेकिन केंद्र और राज्य सरकार ने यह मांग नहीं मानी, इसलिए परिणाम भुगतना पड़ा है।

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