18 जुलाई से शुरू होगा संसद का मानसून सत्र, इस चर्चा पर दिया जाएगा जोर

संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई से 10 अगस्त तक चलेगा. संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने सोमवार को यहां इस बात की जानकारी दी. राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया. 18 कार्य दिवसों के सत्र के दौरान सरकार तीन तलाक और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए राष्ट्रीय आयोग को संवैधानिक दर्जा देने से संबंधित समेत विधेयकों को लाने पर जोर दे सकती है. 

संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने यहां संवाददाताओं को बताया कि सत्र में लगभग 18 बैठकें होंगी. संसद सत्र की तारीखों की सिफारिश करने के लिए सोमवार को केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में संसदीय मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक हुई. राष्ट्रपति अब औपचारिक तौर पर सत्र बुलाएंगे. कुमार ने कहा, ‘‘हम विपक्षी दलों से सहयोग एवं समर्थन की अपेक्षा करते हैं. विधायी कामकाज के एजेंडे में कई महत्वपूर्ण मुद्दे हैं जिन्हें सरकार मानसून सत्र में लेना चाहती है.’’ उन्होंने कहा कि छह से अधिक अध्यादेश लिए जाएंगे.    

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मंत्री ने बताया कि तीन तलाक विधेयक लोकसभा में पारित हो गया है और राज्यसभा में लंबित है। यह विधेयक सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में रहेगा. उन्होंने कहा कि सरकार राष्ट्रीय अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने पर जोर देगी. मेडिकल शिक्षा के लिए राष्ट्रीय आयोग विधेयक और ट्रांसजेंडर विधेयक को भी लिया जाएगा.    कुमार ने कहा कि उच्च सदन के उपसभापति के तौर पर पी जे कुरियन का कार्यकाल इसी महीने समाप्त हो रहा है. राज्यसभा का उपाध्यक्ष चुनने के लिए चुनाव भी इसी सत्र में होगा. 
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