महाकाल महालोक परिसर में सप्तऋषि की सात में से छह मूर्तियां गिरकर क्षतिग्रस्त हो गईं..

मालूम हो कि मध्य प्रदेश सरकार ने करीब 800 करोड़ रुपये की लागत से श्री महाकाल महालोक का निर्माण कराया था।रविवार शाम अचानक आई आंधी व वर्षा से उज्जैन में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। इसके अलावा ऐतिहासिक श्री महाकाल महालोक परिसर में सप्तऋषि की सात में से छह मूर्तियां भी गिरकर क्षतिग्रस्त हो गईं। बाद में उन्हें क्रेन से उठाया गया। आंधी से अन्य मूर्तियों को भी नुकसान पहुंचा है। श्रद्धालु समीप नहीं थे, इस कारण कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ

जांच कर लिया जाएगा एक्शन

महाकाल मंदिर के समीप ही विशाल बरगद का पेड़ गिरने से दो मकान भी क्षतिग्रस्त हो गए। उधर, सुबह सांदीपनि आश्रम के सामने पेड़ गिरने से भी एक कार क्षतिग्रस्त हो गई। कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने बताया कि फिलहाल कंपनी को ही मूर्तियों का रखरखाव करना है। जांच कर एक्शन लेंगे। मूर्तियों को फिर से लगाने के लिए श्री महाकाल महालोक को बंद किया गया है।

गुणवत्ता पर उठ रहे थे सवाल

मध्य प्रदेश सरकार ने करीब 800 करोड़ रुपये की लागत से श्री महाकाल महालोक का निर्माण कराया था। 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसका लोकार्पण किया। देशभर से हजारों भक्त प्रतिदिन इसे निहारने पहुंच रहे हैं। निर्माण के बाद से ही मूर्तियों की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठ रहे थे। रविवार की आई आंधी की वजह से इनके गिर जाने से अब इसकी गुणवत्ता पर फिर से सवाल उठ रहे हैं।

महालोक में 127 मूर्तियां

श्री महाकाल महालोक में भगवान शिव एवं अन्य देवी-देवताओं की 127 से अधिक विशाल मूर्तियां स्थापित की गई थीं। 40 मूर्तियां लाल पत्थर एवं शेष फाइबर रेनफोर्स प्लास्टिक से निर्मित हैं। इनकी ऊंचाई नौ से 25 फीट तक हैं। इनका निर्माण उज्जैन स्मार्ट सिटी कंपनी से अनुबंधित गुजरात की एमपी बाबरिया फर्म ने किया है।

कुछ मूर्तियां हुई हैं क्षतिग्रस्त

उज्जैन स्मार्ट सिटी कंपनी के कार्यकारी निदेशक रोशन कुमार सिंह ने कहा कि सामान्य से काफी तेज हवा चलने से फाइबर रेनफोर्स प्लास्टिक की मूर्तियां पेडस्टल से गिरी हैं। कुछ क्षतिग्रस्त भी हुई हैं। उन्हें सहेजने का काम चल रहा है। काम गुणवत्ता से हुआ या नहीं, ठेकेदार की गलती है या नहीं, बाद में देखा जाएगा।

पूर्व सीएम कमल नाथ ने की जांच की मांग

वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री व मप्र कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने कहा कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने उज्जैन में महाकाल मंदिर परिसर का भव्य निर्माण करने का संकल्प लिया था। इस बात की कल्पना ही नहीं की थी कि इस निर्माण कार्य में भी गंभीर अनियमितता होगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जांच कराकर दोषियों को दंडित करें। जो प्रतिमाएं गिरी हैं, वहां नई प्रतिमाएं जल्द से जल्द स्थापित की जाएं।

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