शुक्तो: बंगाल की रसोई का अनमोल रत्न है यह व्यंजन
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जब बात बंगाली खाने की होती है, तो सबसे पहले रसगुल्ले, माछ-भात (मछली-चावल) और मसालेदार करी की याद आती है। लेकिन बंगाली व्यंजन सिर्फ स्वाद के लिए ही नहीं, बल्कि सेहतमंद खाने के लिए भी मशहूर हैं। ऐसा ही एक अनोखा और पोषण से भरपूर व्यंजन है – शुक्तो (Shukto), जिसे बंगाल की पारंपरिक रसोई का अनमोल रत्न कहा जाता है।
हल्के स्वाद, पौष्टिक सब्जियों और अनोखे मसालों से बना यह व्यंजन न सिर्फ पेट के लिए हल्का होता है, बल्कि आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर भी है। बंगाल में इसे खासतौर पर दोपहर के भोजन में परोसा जाता है और यह वहां की थाली की शुरुआत करने वाला पहला व्यंजन होता है। इसकी खासियत यह है कि यह हल्की कड़वाहट के साथ मीठे और मलाईदार स्वाद का बेहतरीन संतुलन बनाता है। तो चलिए, जानते हैं इस बंगाली डिश की खासियत, इतिहास, बनाने की विधि और इससे जुड़ी दिलचस्प बातें।
शुक्तो क्या है?
शुक्तो एक पारंपरिक बंगाली व्यंजन है, जिसमें विभिन्न प्रकार की सब्जियों को दूध, हल्के मसालों और खास ‘राधुनी’ मसाले के साथ पकाया जाता है। इसका स्वाद हल्का कड़वा और क्रीमी होता है, जो इसे बंगाली खाने में एक अनूठी पहचान देता है। इसे मुख्य रूप से करैला (कड़वा तोरई), आलू, कच्चा केला, बेगुन (बैंगन), मूली, बोरबटी (लंबी फलियों) और पनीर जैसी सब्जियों से बनाया जाता है।
इसका सबसे खास तत्व है पोस्त दाना (खसखस) और दूध, जो इसे एक समृद्ध और मलाईदार बनावट देते हैं।
शुक्तो का इतिहास और परंपरा
बंगाली खाने में संतुलित स्वाद को बहुत महत्व दिया जाता है। शुक्तो को खाने की शुरुआत में इसलिए परोसा जाता है ताकि यह पाचन तंत्र को तैयार कर सके और भूख बढ़ाने में मदद करे।
ऐसा माना जाता है कि शुक्तो मूल रूप से पुर्तगाली और मुगल प्रभाव से बंगाल के भोजन का हिस्सा बना। मुगल काल में जब मसालेदार खाने का चलन बढ़ा, तब इस हल्के और पौष्टिक व्यंजन को भी एक परंपरा के रूप में शामिल किया गया। आज भी बंगाल में इसे खास मौकों, शादी-ब्याह और पारंपरिक थालियों में ज़रूर परोसा जाता है।
शुक्तो को डाइट में शामिल करने के फायदे
पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद: करेला और मूली जैसी सब्जियों के कारण यह पाचन को बेहतर बनाता है।
एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर: इसमें मौजूद सब्जियां शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करती हैं।
ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है: करैला और अन्य कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाली सब्जियों के कारण यह डायबिटीज रोगियों के लिए भी फायदेमंद होता है।
हल्का और कम मसालेदार: यह पेट को ठंडक देने वाला व्यंजन है, जो गर्मियों में भी आसानी से खाया जा सकता है।
हड्डियों के लिए अच्छा: इसमें मौजूद दूध और पनीर इसे कैल्शियम से भरपूर बनाते हैं।
शुक्तो बनाने की आसान रेसिपी
जरूरी सामग्री:
सब्जियां: करेला, आलू, कच्चा केला, बैंगन, मूली, बोरबटी (फलियां)
मसाले: राधुनी (अगर उपलब्ध न हो तो अजवाइन का इस्तेमाल करें), पंच फोरन, हल्दी, नमक, थोड़ा सा चीनी
अन्य सामग्री: सरसों का तेल, दूध, घी, पोस्त दाना (खसखस), अदरक का पेस्ट
बनाने की विधि:
सबसे पहले सब्जियों को लंबा-लंबा काट लें।
करेला को हल्का तलकर अलग रख दें, ताकि उसकी कड़वाहट हल्की हो जाए।
सरसों के तेल में पंच फोरन और राधुनी को हल्का भूनें।
अब बाकी की सब्जियां डालें और अच्छे से भूनें।
जब सब्जियां थोड़ा गलने लगें, तो इसमें पोस्त दाना का पेस्ट, दूध और थोड़ा पानी डालें।
धीमी आंच पर इसे तब तक पकाएं, जब तक सब्जियां पूरी तरह से नर्म न हो जाएं।
आखिर में एक चम्मच घी डालकर आंच बंद कर दें।
अब आपका स्वादिष्ट और हेल्दी शुक्तो तैयार है! इसे गरमागरम चावल के साथ परोसें और बंगाली खाने का असली आनंद लें।
क्यों खास है शुक्तो?
यह सिर्फ एक व्यंजन नहीं, बल्कि बंगाली खानपान की पहचान है।
इसका हल्का और संतुलित स्वाद हर उम्र के लोगों के लिए परफेक्ट है।
यह हेल्दी, कम मसालेदार और पाचन के लिए फायदेमंद है।
इसे बनाने में ज्यादा मेहनत नहीं लगती, लेकिन इसका स्वाद बेहद अनोखा होता है।
अगर आप बंगाली खाने के शौकीन हैं, तो शुक्तो को जरूर ट्राई करें। यह एक ऐसा व्यंजन है, जो आपके खाने की मेज पर एक अलग और हेल्दी ट्विस्ट जोड़ देगा।