Sheila Dikshit और विनोद दीक्षित की Love Story थी काफी दिलचस्‍प, बस में किया था प्रपोज

दिल्‍ली की तीन बार मुख्‍यमंत्री रहीं शीला दी‍क्षित और उनके पति विनोद दीक्षित की Love Story काफी दिलचस्‍प थी।यह Love Story आगे चल कर प्रेम विवाह के रूप में बदली। शीला दीक्षित का निधन शनिवार को दिल्‍ली के एस्‍कॉर्ट अस्‍पताल में हुआ।

दिल्ली विश्वविद्यालय में प्राचीन इतिहास की पढ़ाई करने के दौरान शीला की मुलाकात विनोद दीक्षित से हुई थी। विनोद कांग्रेस के बड़े नेता उमाशंकर दीक्षित के इकलौते बेटे थे। शीला  ने Love Story के बारे में अपनी आत्‍मकथा सिटीजन दिल्‍ली: माई टाइम्‍स, माई लाइफ (CITIZEN DELHI: MY TIMES, MY LIFE) में बताया, विनोद अपने साथियों के बीच काफी लोकप्रिय और अच्‍छे क्रिकेटर थे। संयोग से दोस्‍तों के प्रेम विवाद को सुलझाने के लिए दोनों ने मध्‍यस्‍थता की थी, लेकिन दोनों के पंचायत के चक्‍कर में दोनों करीब आ गए थे। शुरुआत में शीला को विनोद कुछ ज्यादा अच्छे नहीं लगे थे क्योंकि विनोद के स्वभाव में थोड़ा अक्खड़पन था। वहीं विनोद, शीला के पास आने का एक मौका नही छोड़ते थे। वह आम तौर पर कोशिश करते थे कि वह हमेशा उनके साथ रहें।

बस में किया था प्रपोज 
इसके लिए दोनों डीटीसी की 10 नंबर बस में घर जाते थे। विनोद अक्सर शीला के साथ बस पर बैठ कर फिरोज शाह रोड जाया करते थे, ताकि वो उनके साथ अधिक से अधिक समय बिता सकें। इस बीच शीला और विनोद में दोस्ती हुई और अचानक एक दिन बस में सफर के दौरान चांदनी चौक के सामने विनोद ने शीला को कुछ इस अंदाज़ में प्रपोज किया, मैं माँ से कहने जा रहा हूँ कि मुझे वो लड़की मिल गई है जिससे मुझे शादी करनी है।

इस पर शीला ने विनोद से पूछा कि क्या तुमने लड़की से इस बारे में बात की है? विनोद ने जवाब दिया, ‘नहीं, लेकिन वो लड़की इस समय मेरी बगल में बैठी हुई है।’ बाद में शीला दीक्षित ने कहा कि मैं ये सुनकर अवाक् रह गई। उस समय तो कुछ नहीं बोली, लेकिन घर आ कर खुशी में खूब नाची। मैंने उस समय इस बारे में अपने माँ-बाप को कुछ नहीं बताया, क्योंकि वो जरूर पूछते कि लड़का करता क्या है? मैं उनसे क्या बताती कि विनोद तो अभी पढ़ रहे हैं।

80 किमी तक रात में कार चलाकर ले गईं 
शीला ने बताया कि एक दिन लखनऊ से अलीगढ़ आते समय विनोद की ट्रेन छूट गई। उन्होंने मुझसे अनुरोध किया कि वो उन्हें ड्राइव कर कानपुर ले चलें ताकि वो वहाँ से अपनी ट्रेन पकड़ लें। इस बारे में शीला ने बताया कि मैं रात में ही भारी बारिश के बीच विनोद को अपनी कार में बैठा कर 80 किलोमीटर दूर कानपुर ले आई। वो इस दौरान अलीगढ़ वाली ट्रेन पर चढ़ गए।

जब मैं स्टेशन के बाहर आई तो मुझे कानपुर की सड़कों का रास्ता नहीं पता था। उस वक़्त रात के डेढ़ बजे थे। शीला ने कुछ लोगों से लखनऊ जाने का रास्ता पूछा, लेकिन कुछ पता नहीं चल पाया। इस दौरान सड़क पर खड़े कुछ मनचले उन्हें देख कर गायक किशोर कुमार का वो मशहूर गाना गाने लगे, ‘ एक लड़की भीगी भीगी सी’।

तभी वहां कॉन्स्टेबल आ गया, वह उन्हें थाने ले गया। वहां से शीला ने एक परिचित एसपी को फोन किया। उन्होंने तुरंत दो पुलिस वालों को शीला के साथ कर दिया। शीला ने उन पुलिस वालों को कार की पिछली सीट पर बैठाया और खुद ड्राइव करती हुई सुबह 5 बजे वापस लखनऊ पहुंची। इससे पता चलता है कि शीला कितनी साहसी थीं।

बहरहाल दो साल बाद इन दोनों की शादी हुई। शुरू में विनोद के परिवार में इसका खासा विरोध हुआ क्योंकि शीला ब्राह्मण नहीं थी। विनोद ने ‘आईएएस’ की परीक्षा दी और पूरे भारत में नौंवा स्थान हासिल किया। उन्हें उत्तर प्रदेश काडर मिला।

आगे चलकर शीला दीक्षित ने अपने ससुर उमाशंकर दीक्षित से राजनीति के गुर सीखे, जो इंदिरा गांधी मंत्रिमंडल में गृह मंत्री थे और बाद में कर्नाटक और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल भी बने। शीला दीक्षित के पति की मौत ट्रेन के डिब्‍बे में हुई थी, जब वह बाथरूम गए थे और उन्‍हें हार्टअटैक पड़ा था। परिवार में उनके एक बेटे पूर्व सांसद संदीप दीक्षित और बेटी लतिका दीक्षित हैं, जिन्हें उन्होंने अकेले बड़ा किया। 

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