शनिश्चरी अमावस्या और सूर्यग्रहण: दोनों से जुड़ी ये 7 रोचक बातें जानकर आप हो जाएंगे हैरान

11 अगस्त दिन शनिवार को सूर्यग्रहण के साथ शनिश्चरी अमावस्या भी पड़ रही है, तो जानिए इन दोनों से जुड़ी कुछ रोचक बातें, जो आपको जरूर पता होनी चाहिएं।
शनिश्चरी अमावस्या और सूर्यग्रहण: दोनों से जुड़ी ये 7 रोचक बातें जानकर आप हो जाएंगे हैरान
ग्रहण दोपहर 1 बजकर 32 मिनट पर शुरू होगा और कुल 3 घंटे 30 मिनट तक रहेगा। ग्रहण का सूतक काल 10 अगस्त की रात को 12 बजे के बाद 1 बजकर 32 मिनट से शुरू हो जाएगा।

साल 2018 का आखिरी और आंशिक सूर्यग्रहण है। शनिवार का दिन होने के कारण शनिश्चरी अमावस्या भी पड़ रही है, इसलिए बेहद दुलर्भ संयोग है।
सूर्यग्रहण भारत में नहीं दिखेगा, पर पड़ोसी देश चीन के अलावा यह नॉर्थ अमेरिका, नॉर्थ पश्चिमी एशिया, साउथ कोरिया और मॉस्को में भी देखा जा सकेगा।

तीन राशियों के लिए अशुभ और बाकी के लिए शुभ। सूर्यग्रहण कर्क राशि में होने जा रहा है जो 4 राशियों मेष, मकर, तुला और कुंभ राशि के लिए शुभ फलदायी रहने वाला है।

कर्क राशि में ग्रहण होने से कर्क के अलावा, मिथुन और सिंह राशि के जातकों के लिए ग्रहण शुभ नहीं है, कष्ट हो सकता है। सेहत का ध्यान रखना चाहिए और धन खर्च को लेकर विशेष ध्यान देना चाहिए।

ग्रहण के साथ 11 अगस्त को शनिवार के दिन अमावस्या होने से यह शनिश्चरी अमावस्या पड़ रही है। ऐसे में शनि और पितृ दोषों से मुक्ति के लिए यह अच्छा समय है।

शनिश्चरी अमावस्या के दिन शनि के बीज मंत्र ‘ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:’ या सामान्य मंत्र ‘ॐ शं शनैश्चराय नम:’ का जप करने से शनि और पितृ दोषों से मुक्ति मिलती है।

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