सरकार का बड़ा कदम: अब बैंकों को अपनी फ्री सर्विसेज पर नहीं देना होगा टैक्स
नई दिल्ली । सरकार जल्द अपने उस फैसले को वापस ले सकती है जहां उसने बैकों की ओर से ग्राहकों को दी जाने वाली फ्री सर्विसेज के एवज में टैक्स की मांग की है। डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज (डीएफएस) ने पक्ष रखा था कि बैंकों ने राजस्व विभाग से टैक्स का विरेध किया है।
वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “हमने राजस्व विभाग बात की है और निवेधन किया है कि इस मामले को आगे न बढ़ाया जाए। इस मामले को सुलझा लिया जाएगा और हो सकता है कि यह केस आगे न बढ़े।”
डायरेक्टरेट जनरल ऑफ गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स इंटेलिजेंस (डीजीजीएसटीआई) ऑफिस ने कुछ निजी बैंक जिनमें आइसीआइसीआइ बैंक, एचडीएफसी बैंक और एक्सिस बैंक शामिल है, को नोटिस जारी किया गया। वहीं कुछ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक जिनमें एसबीआई बी शामिल हैं, को जुलाई 2012 से जून 2017 तक की अवधि के लिए अनपेड सर्विस टैक्स के लिए जुर्माने और ब्याज का बुगतान करने के लिए कहा है।
हर बैंक ग्राहकों को विभिन्न मिनिमम बैलेंस स्लैब के तहत फ्री सेवाएं देता हैं। जानकारी के लिए बता दें कि अपने खाते में मिनिमम बैलेंस रखने वाले ग्राहकों को बैंक एक लिमिट तक फ्री एटीएम ट्रांजेक्शन, चेकबुक और डेबिट कार्ड जैसी सुविधाएं फ्री देता है।
पिछले साल जीएसटी इंटैलिजेंस डिपार्टमेंट ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) को भी नोटिस जारी किया गया था। उनसे 2016-17 तक के सर्विस टैक्स डिफॉल्ट बारे में स्पष्टता मांगी गई थी। ईपीएफओ ने इस मामले को श्रम मंत्रालय के जरिए वित्त मंत्रालय तक पहुंचाया था, जिसके बाद इस मामले को आगे नहीं बढ़ाया गया था।