इराक में अगवा भारतीयों की मौत की खबर के बाद परिजनों का बुरा हाल

 इराक के मोसुल में साल 2014 में लापता हुए 39 भारतीयों की हत्या हो चुकी है। यह जानकारी राज्य सभा में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज देते हुए कहा कि आतंकी संगठन आईएस ने साल 2014 में ही उनकी हत्या कर दी थी।

विदेश मंत्री ने कहा कि हरजीत मसीह की कहानी झूठी है और लापता सभी 39 भारतीय मारे गए हैं। भारत से उनके शवों को लाने के लिए विशेष विमान भेजा जा रहा है। शवों को पंजाब, हिमाचल, पटना और पश्चिम बंगाल पहुंचाया जाएगा।

इस खबर के मिलते ही उन भारतीयों के परिजन शोक की लहर में डूब गए। अभी तक उन्हें उम्मीद थी कि वे जिंदा हैं और उन्हें किसी अज्ञात जगह पर रखा गया है। हालांकि, जब यह खबर टीवी चैनल्स में प्रसारित हुई, तो मृतकों के परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।

सारी आशाएं धरी रह गईं

होशियारपुर के गांव रामकलोनी कैम्प के रहने वाले कमलजीत सिंह की माता संतोष कुमारी ने कहा है कि पूर्व जरनल वीके सिंह के इराक दौरे से उन्हें पूरी उम्मीद थी कि उनके बच्चों के बारे में कोई अच्छी खबर मिलेगी, लेकिन सारी आशाएं धरी की धरी रह गई।

इराक में फंसे 39 भारतीयों की मौत पर सुषमा स्वराज के बयान के बाद होशियारपुर के छावनी कलां में अपने बेटे कमलजीत के इंतजार में आंखे बिछाए बैठी उस की बूढ़ी मां की आंखो से आंसुओ का सैलाब रुकने का नाम नही ले रहा।

बूढ़ी मां रोते हुए बोल रही है कि किसी मंत्री ने उनकी एक नही सुनी और हमारे बच्चों को मरने वालों को भी मौत मिलनी चाहिए। इराक में शामिल भारतियों में जिले के गांव मुरार का रणजीत सिंह राणा भी शामिल हैं।

39 भारतीयों में 23 पंजाबी थे

इराक में फंसे इन 39 भारतीयों में 23 पंजाबी थे, जिसमें से 8 अमृतसर के। सैंपल देने के लिए बाबा बकाला के मनजिंदर, मजीठा के हरसिमरन सिंह, स्यालका, बाबा बकाला के जतिंदर, जलाल उसमां बाबा बकाला के गुरचरण, मानांवाला के रणजीत सिंह, संघोआना अजनाला के निशान आदि के परिवार वाले पहुंचे थे। दो लोग नवांशहर व तीन बटाला के थे।

फिर क्यों IS की हैवानियत की असली कहानी, पर्दा डालती रही सरकार?

चविनडा देवी निवासी सोनू 2014 में गया था इराक। मोसुल में मारे गए भारतीयों की खबर सुनकर सोनू की पत्नी सीमा गहरे सदमे में। उन्होंने कहा कि पति का इंतजार में थक गई आंखें। मैं दो बच्चों की परवरिश के लिए लोगों के घरों में बर्तन साफ करती हूं। सोनू की मौत की खबर के बाद घर में पसरा मातम।

अजनाला चौगांवा के गांव मानावाला रणजीत सिंह की मां और बहन का इस समाचार के बाद रो रोकर बुरा हाल है। चार साल पहले रणजीत दो बहनों की शादी के लिए पैसा कमाने के लिए इराक गया था। परिवार वालों ने आरोप लगाया कि सरकार को अगर उनके मृत होने का पता था, तो उन्होंने परिवार वालों को अंधे में क्यों रखा।


आदमपुर के नजदीक चूड़ वाली गांव में मनजीत के घर विलाप करते परिवारिक सदस्य।

हिमाचल के कांगडा के भी तीन

हिमाचल के कांगड़ा जिले के तीन लोग भी अगवा हुए थे। इनमें पासु के अमन, भटेड के इंदरजीत और धमेटा के संदीप शामिल हैं। चौथा व्यक्ति मंडी जिले का हेमराज है। उसकी पत्नी निर्मला देवी अपनी बेटी अनन्या को गोद में लिए हुए है। बायला निवासी हेमराज पुत्र बेली राम साल 2013 से इराक में लापता था।

पहाड़ खुदवाकर निकाले शव

पहाड़ खुदवाकर शवों को निकाला गया। शवों को बगदाद भेजा गया था। डीएनए सैंपल मैच कराने के लिए परिजनों के डीएनए भेजे गए थे। सबसे पहले संदीप नाम के युवक का डीएनए टेस्ट हुआ था। अभी तक 39 में से 38 के शवों के डीएनए टेस्ट हो चुके हैं, जिससे उनकी पहचान की पुष्टि हो चुकी है।

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