एक महीने में रेल मंत्रालय करेगा तय प्रीमियम ट्रेनों से फ्लेक्सी फेयर हटेगा या रहेगा

फ्लैक्सी फेयर के नुकसान व फायदे का एक बार फिर आकलन रेल मंत्रालय करेगा। शताब्दी, राजधानी, दुरंतो जैसी प्रीमियम ट्रेनों में लगने वाले फ्लैक्सी फेयर को हटाया जाए या रखा जाए इसके लिए रिव्यू कमेटी का गठन किया गया है। यह कमेटी 30 दिनों के भीतर अपना निर्णय देगा। छह सदस्यों वाली कमेटी को रेलवे बोर्ड ने गठित की है। यह कमेटी फ्लैक्सी फेयर वाली ट्रेन के साथ ही हमसफर ट्रेन के यात्रा किराये का भी आकलन करेगी। रेलवे सूत्रों के अनुसार इस कमेटी के कन्वीनर रेलवे बोर्ड के एक्जिक्यूटिव डॉयरेक्टर पैसेजर मार्केटिंग होंगे।
इसके अलावा बोर्ड के एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर टीसी (आर) व चार सदस्य रेलवे बोर्ड से इतर अन्य संस्थानों के है। रिव्यू कमेटी यह देखेगी कि फ्लैक्सी फेयर का क्या प्रभाव पड़ रहा है। यात्री कही दूसरे ट्रांस्पोर्ट की तरफ तो रूख नहीं कर रहे है। दूसरे ट्रांस्पोर्ट व्यवस्था पर फ्लैक्सी फेयर कितना खरा उतर रहा है। कमेटी आर्थिक आकलन भी करेगा। यह पता किया जाएगा कि इस फेयर के कारण भविष्य में यात्री ट्रेन की यात्रा के बजाय विमानों से तो सफर नहीं कर रहे है। 

रिव्यू कमेटी यह भी देखेगी कि फ्लैक्सी फेयर त्यौहार, भीड़ वाले दिनों में कितना उपयोगी है और छुट्टी वाले दिन की क्या स्थिति है। अन्य दिनों में कितने यात्री इस फेयर को पसंद करते है। इस कमेटी का हेडक्वाटर नई दिल्ली होगा। कमेटी 30 दिनों में अपनी रिपोर्ट को रेलवे बोर्ड को सौपेगी। इसके बाद रेल मंत्रालय यह तय करेगा कि इस योजना को लागू रहने दिया जाए या रोल बैक किया जाए। 

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