भ्रष्टाचार किया तो विदेश नहीं जा पाएंगे सरकारी अफसर, सरकार नहीं देगी पासपोर्ट

आपराधिक या भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे सरकारी अधिकारियों को पासपोर्ट के लिए सतर्कता विभाग से मंजूरी नहीं दी जाएगी. कार्मिक मंत्रालय द्वारा तय किए गए नए दिशा निर्देशों में यह कहा गया है. हालांकि, ऐसे अधिकारियों को मेडिकल इमरजेंसी जैसी आपात स्थितियों के कारण विदेश जाने की जरुरत हो तो संबंधित प्राधिकरण अलग फैसला ले सकते हैं.

दिशा निर्देशों में कहा गया है कि अगर किसी अधिकारी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हों और जांच लंबित हो, प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी हो या अधिकारी के खिलाफ किसी सरकारी निकाय द्वारा मामला दर्ज हो और अगर अधिकारी निलंबित हो तो सतर्कता विभाग से मंजूरी को रोक कर रखा जा सकता है.

जांच लंबित हो तो भी नहीं मिलेगा पासपोर्ट

इसमें कहा गया है कि अगर किसी आपराधिक मामले में जांच एजेंसी द्वारा अदालत में आरोप पत्र दायर किया जा चुका हो और मुकदमा लंबित हो, भ्रष्टाचार निरोधक कानून या किसी अन्य आपराधिक मामले में सक्षम प्राधिकरण द्वारा जांच की मंजूरी दी जा चुकी हो और अनुशासनात्मक कार्रवाई में अधिकारी के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया हो और कार्यवाही लंबित हो तो ऐसी स्थिति में भी सतर्कता विभाग से पासपोर्ट के लिए मंजूरी नहीं मिलेगी.

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मंत्रालय ने बुधवार को जारी किए दिशा निर्देशों में कहा कि निजी शिकायत के आधार पर दर्ज प्राथमिकी के आधार पर सतर्कता मंजूरी को रोक कर नहीं रखा जाएगा. इसमें कहा गया है कि प्राथमिकी के संबंध में सूचना पासपोर्ट कार्यालय के पास होनी चाहिए. साथ ही कहा गया है कि मामले पर अंतिम फैसला पासपोर्ट जारी करने वाला प्राधिकरण लेगा.

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