वीडियोकॉन को ICICI बैंक ने दिया 3250 करोड़ का लोन, मिली क्लीन चिट

प्राइवेट सेक्टर के दूसरे सबसे बड़े बैंक आईसीआईसीआई की सीईओ और एमडी चंदा कोचर पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के खिलाफ बैंक का बोर्ड खुलकर उनके समर्थन में आ गया है। कोचर के पति पर वीडियोकॉन के मालिक वेणुगोपाल धूत को 3250 करोड़ का लोन देने के मामले में लाभ लेने का आरोप लगा था। धूत लोन की रकम न चुकाने के बाद बैंकों द्वारा डिफॉल्टर घोषित किए जा चुके हैं।

वीडियोकॉन को ICICI बैंक ने दिया 3250 करोड़ का लोन, मिली क्लीन चिटबैंक ने जारी किया बयान
आईसीआईसीआई बैंक ने बयान जारी करते हुए कहा, ‘बोर्ड को बैंक के एमडी और सीईओ चंदा कोचर पर पूरा भरोसा है। तथ्यों को देखने के बाद बोर्ड इस नतीजे पर पहुंचा है कि भाई-भतीजावाद और हितों के टकराव सहित करप्शन की जो अफवाहें चल रही हैं, उनमें कोई सच्चाई नहीं है।’

20 बैंकों ने दिया था कर्ज
आईसीआईसीआई बैंक ने कहा है कि वीडियोकॉन को 20 बैंकों ने लोन दिया था। बैंक लोन देने वाले कंशोर्शियम का हिस्सा था, जिसमें उसका योगदान मात्र 10 फीसदी था। अन्य बैंकों ने जिन शर्तों पर वीडियोकॉन को लोन दिया था, उसी का पालन बैंक ने भी किया था।

बैंक ने कहा है कि उसका लोन देने का सिस्टम मजबूत है। यह इस तरह से बनाया गया है कि कोई एक शख्स किसी कंपनी को कर्ज देने के बारे में फैसला नहीं कर सकता।

यह है आरोप
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि बैंक की सीईओ चंदा कोचर के पति दीपक कोचर को लोन पास कराने की एवज में एक कंपनी में हिस्सेदारी दी गई थी। विडियोकॉन ग्रुप के मालिक धूत ने दीपक कोचर के साथ मिलकर बराबर की पार्टनरशिप में दिसंबर 2008 में न्यूपावर नाम से एक कंपनी खोली थी।

इसमें यह भी कहा गया था कि कोचर परिवार, चंदा कोचर के रिश्तेदार महेश आडवाणी और नीलम आडवाणी संदेहास्पद बिजनेस ट्रांजेक्शन की मदद से धूत परिवार की ओर से स्थापित कंपनी न्यूपावर के मालिक बन गए थे। गुप्ता का कहना था कि लोन के बदले कंपनी का मालिकाना हक कोचर परिवार को ट्रांसफर किया गया था।

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