हरिद्वार कुंभ: मुख्य स्नान संपन्न, नागा संन्यासियों के तंबू उखाड़ने की तैयारी

मुख्य कुंभ स्नान संपन्न होते ही नागा संन्यासियों के सातों अखाड़ों में डेरा उठाने की तैयारियां शुरू हो जाती हैं। जैसे-जैसे दसनामियों में कढ़ी पकौड़ा भोज होते जाएंगे, मेला छावनियों से तंबू उखड़ते जाएंगे। अगले कुंभ नगर में फिर मिलने के आह्वान के साथ धर्म ध्वजाओं की तनियां ढीली कर दी जाएंगी।

देवताओं को नमन कर अखाड़ों के रमता पंच फिर से लंबे रास्तों के लिए चल पड़ेंगे। इस कामना के साथ कि अब तीन वर्ष बाद किसी नए कुंभ नगर में डेरे जमाएंगे। हालांकि बैरागी अणियों में अभी रौनक रहेगी। कथा, वार्ताओं और संकीर्तन के दौर और अधिक तेजी के साथ चल पड़ेंगे। नागा संन्यासी अखाड़ों के तीनों शाही स्नान मुख्य स्नान के साथ ही संपन्न हो जाते हैं।

अमृत स्नान में चूंकि सभी अखाड़े स्नान करते हैं अत: यह सबसे बड़ा स्नान है। आखिरी शाही स्नान तीन बैरागी अणियां करती हैं। अत: अब उन्हीं की छावनियों में रौनक रहेगी। बैरागियों की शिविरों में रासलीला और रामलीला भी लुभाती हैं। चूंकि नवरात्र चल रहे हैं और भगवान राम का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाना है।

अत: अब बैरागी खालसों के शिविरों में श्रीरामचरित मानस के गायन होंगे।

प्रत्येक हरिद्वार कुंभ में रामनवमी कुंभ के बीच आती है। अत: वैष्णवों का उत्साह देखते ही बनता है।

संन्यासियों की कुंभनगर से विदाई के साथ ही सातों संन्यासी अखाड़ों के कुंभोत्सव संपन्न हो जाते हैं।

बुधवार को महाकुंभ में मेष संक्रांति के शाही स्नान के साथ संन्यासियों का कुंभ भी पूरा हो गया है।

वहीं, एक संत ने सेक्टर मजिस्ट्रेट को मेला प्रशासन की ओर से दी गई सुविधाएं वापस लेने का आग्रह किया है।

वहीं, कोविड संक्रमण के बढ़ते प्रसार के बीच कुंभ समापन की अटकलें भी तेज होने लगी हैं।

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