GST टैक्स स्लैब में हो सकता है बदलाव, कम होंगी टैक्स दरें

गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) के एक साल पूरा होने पर सरकार जीएसटी दिवस मना रही है. इस मौके पर लंबी छुट्टी के बाद सार्वजनिक कार्यक्रम में लौटे केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि देश में अप्रत्यक्ष करों की जटिलता खत्म हुई है. जीएसटी के चलते टैक्स कलेक्शन में बड़ा इजाफा हुआ है. जरूरी चीजों के दाम कम हुए हैं. जतना को भी कम टैक्स से बड़ी राहत मिली है. इस बीच जीएसटी ने इशारा दिया कि सरकार अब जीएसटी के टैक्स स्लैब में बदलाव कर सकती है. स्लैब में बदलाव होने से इसकी दरें और कम हो सकती हैं. उन्होंने कहा कि टैक्स कलेक्शन में इजाफा होने से अब सरकार स्लैब की दरों में कमी करके जनता को राहत दे सकती है. हालांकि, टैक्स स्लैब बढ़ाए जा सकते हैं.

सरकार की ग्रॉस इनकम में इजाफा

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किडनी ट्रांसप्लांट के बाद पहली बार किसी सार्वजनिक कार्यक्रम का हिस्सा बने अरुण जेटली ने कहा एडवांस टैक्स पेमेंट से ग्रॉस इनकम में इजाफा हुआ है. जीएसटी की वजह से भारत एक संगठित बाजार बना है. यह सरकार के सबसे बड़े और प्रमुख फैसलों में से एक है. जेटली ने कहा पिछले साल की देश का सबसे जटिल टैक्स सिस्टम खत्म कर दिया गया. पहले 17 मल्टिपल टैक्स और 5 तरह के रिटर्न की व्यवस्था थी, 23 तरह के सेस लगे थे. टैक्स पर टैक्स लगता था. हर राज्य अपने मुताबिक अलग रेट तय करते थे. तब जाकर कहीं टैक्स रिटर्न फाइल होता था. देश में संघीय ढांचे तो ध्यान में रखते हुए जीएसटी को तैयार किया गया.

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