मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा- पलायन रोकने को कृषि उत्‍पादों के ब्रांड व पैकेजिंग पर फोकस करने की जरूरत

उत्तरकाशी: गांव से पलायन को रोकने और कृषकों को खेती में प्रोत्साहन देने के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि कृषकों और स्वयंसेवी संस्थाओं को अपने उत्पादों की बिक्री और बढ़ाने के लिए ब्रांडिंग, डिजाइनिंग और पैकजिंग में और सुधार करने की जरूरत है। ब्रांड और पैकेजिंग ठीक होगा तो कृषकों को अधिक मुनाफा मिलेगा। उन्होंने कृषकों को सस्ते ब्याज दर में कृषि ऋण देने की बात कही। इससे पहले मुख्यमंत्री का पारंपरिक पहाड़ी लोकवाद्य यंत्रों से स्वागत किया गया।मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा- पलायन रोकने को कृषि उत्‍पादों के ब्रांड व पैकेजिंग पर फोकस करने की जरूरत

रामलीला मैदान में आयोजित दो दिवसीय कृषि महोत्सव का मंगलवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, कृषि मंत्री सुबोध उनियाल और गंगोत्री विधायक गोपाल सिंह रावत ने संयुक्त रूप से शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने रामलीला मैदान में सरकारी और गैर सरकारी विभिन्न विभागों की ओर से लगाए गए स्टॉलों का निरीक्षण किया।

महोत्सव में मुख्यमंत्री ने विश्व बैंक और लोनिवि उत्तरकाशी की करीब 35 करोड़, 88 लाख, 66 हजार धनराशि की आठ सड़कें और एक पैदल झूला पुल का शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने हिमाद्री संस्था की ओर से स्टॉल में प्रदर्शित उत्पादों की जमकर सराहना की। हर्षिल की राजमा के बारे में मुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली तक इस राजमा की मांग है। यदि इस राजमा की ग्रेडिंग कर दी जाए, तो इसकी अधिक बिक्री होगी।

घरों में उत्पादित शहद के बारे में उन्होंने कहा कि दिल्ली बाजार में इस शहद की कीमत साढ़े चार हजार रुपये है। अगर गांव के किसान इसकी पैदावार करें तो उनकी आय बढ़ेगी। पशुपालन के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीणों को मटन भेड़ पालन करना चाहिए, इसमें बीमारी भी कम रहती है। इसका शीघ्र विकास होता है और इसकी मांग भी अधिक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि फरवरी, मार्च महीने में ऑलवेदर रोड का कार्य तेजी से होगा। इससे पर्यटकों के अलावा रोजगार को बढ़ावा मिलेगा। ईको सेंसटिव जोन और जिले में बंद पड़े हाइड्रो मिनी प्रोजेक्ट को लेकर ठोस प्रयास करने की बात कही।

 कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने लघु किसानों के लिए फार्मर मशीन बैंक खोलने की घोषणा की। साथ ही उन्होंने परंपरागत कृषि योजना के तहत आर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने की बात कही। उन्होंने किसानों को अतिवृष्टि के लिए फसल बीमा योजना के तहत दस हजार रुपये प्रति एकड़ देने की बात कही। इसके अलावा उन्होंने पर्वतीय क्षेत्रों में किसानों को फसल बीमा का मानक तहसील से हटाकर न्याय पंचायत स्तर पर करने की बात कही। कृषि मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मिशन के तहत वर्ष 2022 तक देश के किसानों की आय को बढ़ाना है। एकीकृत आदर्श कृषि गांव के तहत और वीर माधौ सिंह भंडारी योजना के तहत प्रत्येक ब्लॉक को 15 लाख का फंड दिया जाएगा। 

इसके अलावा, गंगोत्री विधायक गोपाल सिंह रावत ने मुख्यमंत्री को ईको सेंसटिव जोन, बंद पड़ी लोहारी नागपाला विद्युत परियोजना समेत क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं से अवगत कराया।  इस मौके पर जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान, अपर जिलाधिकारी पीएल शाह, एसपी ददनपाल, जिला पंचायत अध्यक्ष जसोदा राणा, नगरपालिका अध्यक्ष जयेंद्री राणा, भाजपा जिलाध्यक्ष श्याम डोभाल, हरीश डंगवाल, रामसुंदर नौटियाल, सुधा गुप्ता, उपजिलाधिकारी देवेंद्र नेगी, सौरभ असवाल, मनुज गोयल आदि मौजूद थे। 

मुख्यमंत्री ने वितरित किए चेक

गाय गंगा महिला डेयरी योजना के तहत मुख्यमंत्री ने जिले की आठ महिलाओं को 40-40 हजार रुपये का चेक वितरित किया। इसके अलावा उन्होंने स्वयंसेवी संस्था मां जगदंबा भटवाड़ी को कृषि यंत्रों के लिए पांच लाख का चेक वितरित किया। इसके अलावा उन्होंने तीन कुपोषित बच्चों को ऊर्जा फूड दिया। 

वेबसाइट का किया शुभारंभ

बस अड्डा में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ङ्क्षसह रावत ने उद्योग विभाग की ओर से संचालित आउटलेट किसान विपणन केंद्र का शुभारंभ किया। इसके साथ ही उन्होंने रामलीला मैदान में जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान की नई पहल पर उत्तरकाशी फार्म टूरिज्म नामक वेबसाइट का भी शुभारंभ किया। इस वेबसाइट के माध्यम से पर्यटक रैथल, नटीण की प्राकृतिक सुंदरता की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। 

मुख्यमंत्री ने यह की घोषणाएं

-प्रदेश के सभी अस्पतालों में दो माह के अंदर चिकित्सकों की कमी को दूर किया जाएगा। 

-जिला अस्पताल उत्तरकाशी में दो माह के अंदर तीन 108 एंबुलेंस दी जाएंगी। 

-हर्षिल में को-ऑपरेटिव बैंक खोले जाएंगे।

-जिले में 670 न्याय पंचायतों को ग्रोथ सेंटर के रुप में विकसित किया जाएगा। 

-नौगांव सीएचसी में टैली रेडियोलॉजिस्ट की सुविधा दी जाएगी। -पिरुल से तैयार तारपीन और डीजल की बिक्री की जाएगी।

-पिरुल को पांच रुपये किग्रा के हिसाब से खरीदा जाएगा। इसकी शुरूआत देहरादून में किसी एक गांव में होगी। यह योजना जल्द ही शुरू की जाएगी।  

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