तालिबान से सीधी वार्ता करने से अमेरिका ने किया इंकार
अमेरिका ने तालिबान से सीधी बातचीत से इंकार किया है। उसने कहा कि तालिबान को पहले अफगानिस्तान की निर्वाचित सरकार से बातचीत करनी चाहिए। तालिबान ने हाल ही में बातचीत के लिए अमेरिका से अपील की थी।
अमेरिका का यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन के साथ बातचीत के फैसले के बाद आया है। अमेरिका की वरिष्ठ राजनयिक (दक्षिण और मध्य एशिया) एलिस वेल्स ने कहा कि उत्तर एवं दक्षिण कोरिया और अफगानिस्तान की स्थिति के बीच तुलना नहीं की जा सकती।
उन्होंने कहा कि ट्रंप की पेशकश से पहले उत्तर और दक्षिण कोरिया ने आपस में बातचीत की थी। इसलिए हम अफगानिस्तान में सरकार और तालिबान के बीच बातचीत चाहते हैं। वेल्स अमेरिकी संसद समर्थित शीर्ष थिंक टैंक यूएस इंस्टीट्यूट ऑफ पीस में शनिवार को लोगों को संबोधित कर रही थीं।
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उन्होंने आरोप लगाया कि तालिबान अफगान लोगों से भिन्न हैं। उन्होंने कहा कि तालिबान ने आम नागरिकों को निशाना बनाकर या उन्हें ढाल बनाकर हमले किए। इससे अफगानिस्तान को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। वेल्स ने कहा कि यह संघर्ष खत्म करने का समय है।
मगर, तालिबान ही अफगानिस्तान में शांति की राह में रुकावट हैं। उन्होंने कहा कि यह तालिबान के ऊपर है कि वह अफगान राष्ट्रपति की बातचीत की पेशकश का जवाब दे। उन्होंने कहा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि तालिबान ने ही ओसामा बिन लादेन को सौंपने से मना किया था। आज भी उसका अलकायदा से संबंध है और वह अन्य आतंकी संगठनों की मदद करता है।