कन्हैया के चुनाव लड़ने पर भाजपा का हमला, कहा- ‘नेता बनने का सपना छोड़ दें’

पटनाः बिहार में जेएनयू छात्र संगठन के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार को लेकर सियासत गरम हो गया है. कन्हैया कुमार के चुनाव लड़ने की खबर आने के बाद से महागठबंधन में कहीं उनका स्वागत किया जा रहा है. तो कहीं इसे अफवाह बताई जा रही है. वहीं, कन्हैया के चुनावी मैदान में आने की खबर पर बीजेपी ने निशाना साधा है.

खबरे आई थी कि कन्हैया कुमार बिहार के बेगूसराय जिले से लोकसभा चुनाव में दो-दो हाथ कर सकते हैं. उनके इस खबर के बाद महागठबंधन के नेता जीतनराम मांझी ने कहा कि कन्हैया का स्वागत है. मेरी दिल से इच्छा है कि कन्हैया महागठबंधन से चुनाव लड़ें. उन्हें महागठबंधन की ओर से बेगूसराय सीट दी जा सकती है.

वहीं, कन्हैया कुमार के चुनाव लड़ने को लेकर सीपीआई ने भी आमंत्रित किया है. साथ ही महागठबंधन का स्टार प्रचारक बनाने की बात कही जा रही है. कन्हैया कुमार के चुनाव में उतरने को लेकर महागठबंधन में सभी पार्टियां स्वागत कर रही है.

लेकिन बीजेपी ने कन्हैया कुमार के चुनाव लड़ने की खबर पर कहा है कि उसका यहां कोई जनाधार नहीं है. वह नेता बनने का सपना छोड़ दें. बिहार के बीजेपी नेता और हेल्थ मिनिस्टर मंगल पांडेय ने कहा है कि प्रदेश की जनता बेवकूफ नहीं है. बिहार की जनता कन्हैया का साथ नहीं देगी.

उन्होंने कहा कि कन्हैया ने बिहार के लिए कुछ भी ऐसा नहीं किया है जिससे लोग उसे वोट दें. उसने केवल बिहार का इस्तेमाल किया है. और जो भी किया वह बिहार से बाहर ही किया है. वह केवल खबरों में बने रहने के लिए कुछ भी कर सकते हैं. लेकिन चुनावी मैदान का सपना देखना छोड़ दें.

कन्हैया कुमार के चुनावी मैदान में उतरने को लेकर सीपीआई ने कहा है कि सभी लेफ्ट पार्टियां ने उनके चुनाव लड़ने को लेकर सहमति जताई है. वहीं, बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कन्हैया कुमार के चुनाव लड़ने की खबर पर कहा है कि यह संसदीय बोर्ड तय करेगा. अभी महागठबंधन बनाने की जरुरत पर बल देना है.

बहरहाल कन्हैया कुमार के चुनाव लड़ने की खबर के आने के बाद से जिस तरह से सियासत चल रही है. इससे कन्हैया कुमार सुर्खियों में जरूर आ गए हैं. वहीं, सीपीआई ने कन्हैया के चुनाव लड़ने को लेकर अपनी सहमती भी जता दी है. लेकिन सियासत में नफा-नुकसान को देखते ही महागठबंधन कोई फैसला लेगी यह तय है. क्योंकि इस लोकसभा 2019 के चुनाव में एक ही फॉर्मूला है जीतने वाले कैंडिडेट ही मैदान में होंगे.

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