अभी-अभी का बड़ा खुलासा: SBI से इस तरह जालसाजी कर डकारे 1.33 करोड

आगरा में स्टेट बैंक की संजय प्लेस शाखा से फर्जी दस्तावेज के जरिए 1.33 करोड़ रुपये के कार लोन लेकर डकार लिए जाने का मामला सामने आया है।

अभी-अभी का बड़ा खुलासा: SBI से इस तरह जालसाजी कर डकारे 1.33 करोडइसके लिए फर्जी कंपनी बनाकर उसके नाम की कोटेशन बैंक को दी गई। इसमें बैंक के तीन अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध रही। दो को निलंबित कर दिया गया है।

मौजूदा प्रबंधक विनीत कुमार शुक्ला ने अब 18 लोगों के खिलाफ हरीपर्वत थाना में नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई है। पहले यह बैंक स्टेट बैंक आफ पटियाला नाम से था, अब इसका स्टेट बैंक में विलय हो चुका है।

मामला दिसंबर, 2014 से नवंबर 2015 का है। इस दौरान 18 कार लोन स्वीकृत कराए गए। ये छह लाख से दस लाख तक के थे। गाड़ियों को भौतिक सत्यापन के लिए मंगाया गया, तो लोन लेने वाले लोग नहीं आए।

इस पर शक होने पर जांच कराई गई तो जालसाजी का खुलासा हो गया। बैंक कालोनी का रहने वाला रजत कुलश्रेष्ठ इस जालसाजी का मास्टरमाइंड बताया गया है।

हर लोन में उसकी कुछ न कुछ भूमिका रही। एक लोन उसकी पत्नी शालिनी कुलश्रेष्ठ के नाम भी है। बैंक के तीन अधिकारियों की भूमिका लोन जारी करने में संदिग्ध मिलने पर उन्हें निलंबित किया गया।
बैंक अधिकारी भी फंसे जांच में
लोन के लिए प्रोसेसिंग बैंक शाखा के उस समय के फील्ड आफिसर ग्रजेश गौतम ने की। लोन तत्कालीन शाखा प्रबंधक आरके वर्मा द्वारा स्वीकृत किए गए। दोनों को निलंबित किया गया।

आरके वर्मा निलंबन के दौरान की अवधि में ही 31 जनवरी, 2017 को सेवानिवृत्त्त हो गए। ग्रजेश अभी तक निलंबित चल रहा है। एक अन्य फील्ड आफिसर दुर्ग सिंह ने तीन केस में प्रोसेसिंग की।

Back to top button