रिश्तेदारों की पांच सलाह से सावधान

रेणु फ्रांसिस

रिश्तेदारों की कुछ सलाह ऐसी भी होती हैं, जो आपके रिश्ते को बिगाड़ सकती हैं और पति के साथ बॉन्डिंग अच्छी होने के बजाय खराब हो सकती है। एक अच्छे रिश्ते की खासियत होती है उसमें मौजूद पॉजिटीविटी, जो आपको आगे बढ़ने में मदद करने के साथ-साथ खुश भी रखती है। अगर ऐसा नहीं हो रहा है तो इसका मतलब है कि आपके रिश्ते में कहीं न कहीं टूटने के संकेत दिखाई दे रहे हैं। आपसी मनमुटाव की ये बातें परिजनों या रिश्तेदारों को पता चलती हैं तो वे सलाह देने लगते हैं। लेकिन रिश्तेदारों की कई ऐसी सलाहें होती हैं, जो रिश्ते को बनाने के बजाय टूटने के कगार पर पहुंचा देती हैं।

समय के साथ सब ठीक हो जाएगा

रिश्तेदारों द्वारा दी गई इस सलाह को मान कर आप हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठ सकतीं कि समय के साथ सब ठीक हो जाता है, क्योंकि कई बार समय हाथ से निकल जाता है और रिश्ते बिगड़ते चले जाते हैं। इसलिए जब आपके रिश्ते में थोड़ी-सी भी कड़वाहट आए तो आपको आपस में चीजें ठीक करने की कोशिश करनी चाहिए।

ससुराल छोड़ने का मशविरा

आपसी रिश्ते बिगड़ने पर रिश्तेदारों की यह खास सलाह होती है कि ससुराल छोड़ दो। उनके अनुसार, सास-ससुर से अलग रहने से सब ठीक हो जाता है। लेकिन आप अपना रिश्ता बरकरार रखना चाहती हैं तो रिश्तेदारों की इस सलाह को न मानें।

प्रेग्नेंसी प्लान करो

आपके खराब हो रहे रिश्ते की खबर जब रिश्तेदारों को लगती है तो आमतौर पर उनकी पहली सलाह होती है कि अब प्रेगनेंसी प्लान कर लो, सब ठीक हो जाएगा। प्रेगनेंसी प्लान करने से पहले अपने रिश्ते को ठीक करना ही बेहतर होगा। बच्चे को जन्म देने का फैसला आप दोनों का ही होना चाहिए, न कि रिश्तेदारों का।

घर के काम औरतों को ही शोभा देते हैं

औरत ही घर का अधिकांश काम कर लेती है। लेकिन अगर कभी आपने रिश्तेदारों के सामने पति को छोटे-से काम में भी मदद करने के लिए कह दिया तो फिर वह अक्सर यह ताना मारेंगे कि घर का काम पुरुषों का नहीं होता है और यही बात वह अन्य लोगों से भी कहेंगे। इस तरह यह बात घर के बाहर चली जाएगी कि आपके घर में तो आदमी काम करते हैं। इस ताने से पति के व्यवहार में भी बदलाव आता है। ऐसे में आप उनसे खुल कर बात करें।

आत्मसम्मान की बात है तो झुकना मत

आपके आपसी मतभेद की बात रिश्तेदारों को पता चलते ही कई सलाहकार आपको सलाह देने आ जाएंगे कि आत्मसम्मान है तो झुकना मत। उनकी इस तरह की सलाह पर आप बिल्कुल ध्यान न दें, क्योंकि उनकी ऐसी सलाह भी आपके अच्छे-भले रिश्ते को बिगाड़ सकती है। रिश्ते को बनाए रखने के लिए कई बार छोटी-छोटी बातों को अनदेखा भी करना पड़ता है।

बड़ा फैसला लेने से पहले

राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. एस. धनंजय कहती हैं, अगर आपको लगता है कि ससुराल में पर्याप्त प्यार नहीं मिल रहा है तो पहले इसका कारण जानें। क्या आप सास-ससुर के साथ माता-पिता, ननद के साथ बहन, देवर के साथ भाई जैसा व्यवहार कर रही हैं और उन्हें सम्मान दे रही हैं? ससुराल में कोई आपके साथ कैसा व्यवहार करता है, यह उसके व्यक्तित्व को दर्शाता है। आप दुनिया में हर किसी को संतुष्ट नहीं कर सकतीं। बस, एक बात का ध्यान रखें कि आप किसी का अपमान न करें। अगर आपके साथ कोई अप्रिय व्यवहार होता है तो एकांत में चर्चा करें और शांत भाव से पति को बताएं। बड़ा फैसला लेने से पहले सास-ससुर और माता-पिता से चर्चा जरूर करें और बात न बने तो मनोवैज्ञानिक की सलाह लें।

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