84 की उम्र में भी नहीं चूकता इस शार्प शूटर का निशाना, जानिए कौन हैं ये ‘शूटर दादी’

कहते है हर एक उम्र कुछ सीखने की होती है, अगर उम्र के पड़ाव में भी कुछ ऐसा सीखा जाए। जिससे पूरी दुनिया में नाम हो जाए। तो उसमें कौन-सी गलत बात है। कहते है हर मंजिल मिल जाएगी, हर रास्ता कट जाएगा। लेकिन कुछ सीखने का जज्बा होना चाहिए। ऐसा ही मामला सामने आया है उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के जोहरी गांव का।84 की उम्र में भी नहीं चूकता इस शार्प शूटर का निशाना, जानिए कौन हैं ये ‘शूटर दादी’

जहां पर एक दादी अम्मा ‘चंद्रो तोमर’ (84 )शार्पशूटर के नाम से प्रसिद्ध है। यह वीडियो आजकल सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसे लोग बेहद पसंद कर रहे है। अगर बात करें चंद्रा तोमर की तो उन्होंने 65 की उम्र में शूटिंग करना सीखा था, जो आज एक अच्छी शॉप शूर्टर है। चंद्रा तोमर के 6 बच्चे और 15 पोते-पोते है। ये दादी अम्मा रिवाल्वर चलाने में काफी माहिर हैं। इन्होंने शूटिंग में 25 नेशनल चैंपियनशिप जीतें हैं।

‘शूटर दादी’ और ‘रिवाल्वर दादी’
इस दादी को ‘शूटर दादी’ और ‘रिवाल्वर दादी’ के नाम से भी प्रसिद्ध है। इन्होंने ये साबित किया कि कुछ नया करने के लिए उम्र नहीं देखी जाती। ये दुनिया की सबसे अधिक उम्र की शूटर हैं। इस उम्र में भी चंद्रो बिल्कुल सटीक निशाना लगाती हैं। इनके निशानेबाज बनने की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है।

आपको बता दें कि चंद्रो तोमर अपनी पोती शेफाली को जोहरी राइफल क्लब में लेकर गईं तो शेफाली बहुत डरी हुई थी। उसका मनोबल बढ़ाने के लिए उन्होंने खुद राइफल उठाई और ऐसे शूटिंग करने लगीं।

जब राइफल क्लब के कोच ने दादी को शूटिंग करते देखा तो दंग रह गए। इसके बाद उन्होंने ‘रिवाल्वर दादी’ को शूटर बनने की ट्रेनिंग दी और आज इस दादी से गांव की बहुत सी लड़कियां शूटर बनने की ट्रेनिंग लेती हैं। चंद्रो तोमर का कहना है कि निशानेबाजी से उनकी उम्र का कोई ताल्लूक नहीं है। वो कहती हैं कि अगर आप में हिम्मत है तो आप किसी भी उम्र में कुछ भी कर सकते हैं।

ये मेडल जीते
चंद्रो तोमर ने 25 राष्ट्रीय शूटिंग चैंपियनशिप खिताब जीते हैं। उन्होंने नेशनल लेवल पर 2 गोल्ड मेडल अपने नाम कर उत्तर प्रदेश का पूरे भरात में नाम रोशन किया है। वे जोहाड़ी राइफल क्लब में युवाओं को निशानेबाजी का प्रशिक्षण देती हैं। दादी से ट्रेनिंग ले चुके इलाके के कई लडक़े और लड़कियां एयरफोर्स और पुलिस विभाग में काम कर रहे हैं। इसके अलावा उनके कुछ स्टूडेंट राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिताओं में मेडल भी जीत चुके हैं। 

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