अंबाला: सिक्योरिटी ऑडिट के बाद अब हो सकता है एयरपोर्ट के नक्शे में परिवर्तन

अंबाला लोक निर्माण विभाग की ओर से अंबाला के घरेलू एयरपोर्ट का कार्य तेजी से किया जा रहा है। हाल ही में हुए सिक्योरिटी ऑडिट के बाद सुरक्षा लिहाजों से कुछ सुझाव अधिकारियों ने दिए हैं। इन सुझावों को ऑन पेपर लाया जा रहा है। इससे लग रहा है कि एयरपोर्ट के नक्शे में कुछ बुनियादी परिवर्तन हो सकते हैं।

जानकारी के अनुसार अंबाला छावनी में घरेलू एयरपोर्ट का टर्मिनल बनाया जा रहा है। जहां से यात्रियों को रनवे तक ले जाया जाएगा। ये रनवे भारतीय वायु सेना के लिए ऑपरेशनल है इस कारण से इसको लेकर अधिक सतर्कता बरती जा रही है। इस कारण से हाल ही में एयरपोर्ट टर्मिनल के निर्माण क्षेत्र का रक्षा मंत्रालय की टीम ने दौरा किया। जिसमें अभी तक जो शुरुआती जानकारी सामने आ रही है, उसमें अधिकारियों ने सुझाव दिए हैं कि मौजूदा समय में जिस स्थान पर पार्किंग प्रस्तावित की गई है। उसे लगभग 20 मीटर दूर बनाया जाए। इसी प्रकार वॉच टावर बनाने के लिए भी सुझाव दिया गया है। इसके साथ ही एक एमओयू भी स्थानीय वायु सेना के अधिकारियों के साथ किया जाएगा। ऐसे में इन सभी प्राविधानों को करने के बाद एयरपोर्ट की आगे की प्रक्रिया को बढ़ाया जाएगा।

गौरतलब है कि एयरफोर्स स्टेशन के पास लगती डेयरी फार्म की 20 एकड़ जमीन पर टर्मिनल बनाया जा रहा है। यह जमीन रक्षा मंत्रालय से अब नागरिक उड्डयन विभाग के नाम स्थानांतरित की जा चुकी है। वहीं इसके 133 करोड़ रुपये प्रदेश सरकार ने रक्षा मंत्रालय को जारी किए हैं। वहीं टर्मिनल के सिविल वर्क के लिए 16 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि से कार्य कराया जा रहा है। लोक निर्माण विभाग के एक्सईएन रितेश अग्रवाल ने बताया कि सिक्योरिटी ऑडिट के बाद अब टीम के सुझावों का ऑन पेपर आने का इंतजार कर रहे हैं। इसी आधार पर आगे परिवर्तन किए जाएंगे।

ऑडिट रिपोर्ट आने का इंतजार
छावनी के घरेलू एयरपोर्ट से रक्षा मंत्रालय की टीम दौरा कर के लौट गई है अब अधिकारियों की उनकी तरह से ऑडिट रिपोर्ट आने का इंतजार है। इस ऑडिट रिपोर्ट में जो-जो परिवर्तन बताए गए हाेंगे वह लोक निर्माण विभाग करेगा। इस संबंध में लोक निर्माण विभाग भी तेजी से फॉलोअप करने में जुटा हुआ है। गौर तलब है कि अभी तक एयरपोर्ट टर्मिनल के भवन का विस्तार तेजी से जारी है। इससे पहले चाहरदिवारी व अन्य कार्य कराए गए थे।

सिक्योरिटी क्लीयरेंट है चुनौती
एयरपोर्ट पर निर्माण होने के बाद और रनवे से कनेक्टिविटी होने के बाद सिक्योरिटी क्लीयरेंस लेना एक बड़ी चुनौती है। इसके लिए भी केंद्रीय विमानन मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय व अन्य बड़ी एजेंसियों के माध्यम से एक टीम एयरपोर्ट स्थल का दौरा करने आएगी। वह एयरपोर्ट के गेट से लेकर और रनवे तक पर सुरक्षा मानकों को देखेगी। इसके बाद एक रिपोर्ट तैयार करेगी। इसके बाद सिक्योरिटी क्लीयरेंस मिल जाएगी। जिसके बाद जाकर उड़ान की प्रक्रिया शुरू हो सकेगी। इसके साथ ही एयरपोर्ट के गेट पर बाहर और भीतर दोनों तरफ सुरक्षा बलों की तैनाती रहेगी। जिसमें कुछ हरियाणा पुलिस से तो कुछ केंद्र सरकार की तरफ से मुहैया कराए जाते हैं।

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