नोटबंदी के डेढ़ साल बाद बैंक कर्मियों ने किया बड़ा खुलासा, जानिए आप भी…
नोटबंदी के दौरान ओवर टाइम करने वाले बैंक कर्मियों को डेढ़ साल बाद भी उनके अतिरिक्त काम का भुगतान नहीं हुआ है। कानपुर समेत देशभर के बैंक कर्मियों व अफसरों में इससे रोष है।8 नवंबर 2016 की रात नोटबंदी की घोषणा हुई थी। 9 नवंबर को सभी बैंक बंद कर दिये गऐ। 10-12 नवंबर को बैंक खोले गए। लेकिन 13 को फिर बंद हो गए।
इसके बाद 14 नवंबर से लगातार 16 दिसंबर तक बैंक कर्मियों व अफसरों ने बैंक में एक हजार और पांच सौ के नोटों को बदलने का काम किया था।सूत्रों ने बताया कि इस दौरान कर्मचारियों ने निर्धारित घंटे से अधिक काम किया। कई-कई शाखाओं में तो रातभर कर्मचारी व अफसर काम पर लगे रहे। लेकिन सरकार की ओर से अतिरिक्त काम के संबंध में कोई भी भुगतान निर्धारित नहीं किया गया।
इसके बाद बैंक यूनियनों ने सरकार से जनवरी-फरवरी 2017 में अतिरिक्त काम के भुगतान व उसके निर्धारण की मांग की।सरकार ने बैंक के अफसरों के लिए 25 दिन अतिरिक्त काम के लिए 1200-1500 प्रतिदिन का निर्धारण करके भुगतान की बात कही। जबकि कर्मचारियों के भुगतान के लिए कंप्यूटरों पर लॉग इन रहने के समय और सुबह व शाम की हाजिरी (बैंक आने व जाने) के हिसाब से प्रति कर्मचारी का ब्योरा देने के लिए कहा गया था।