School जाने के नाम पर रोना-धोना मचा देता है बच्चा? अपनाएं 5 टिप्स

क्या आपके घर में भी स्कूल टाइम पर बच्चे का रोना-धोना रोज की कहानी है? अगर हां तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है। जी हां यहां हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बताने जा रहे हैं जिन्हें आजमाकर आप बच्चे को हंसी-खुशी स्कूल के लिए तैयार कर सकते हैं। यकीन मानिए ये तरीके इतने असरदार हैं कि आपका खुद स्कूल जाने की जिद्द करेगा।

क्या आपका बच्चा भी सुबह-सुबह स्कूल के नाम पर नखरे दिखाता है? बैग पैक करते ही चेहरा लटक जाता है और रोना-धोना शुरू हो जाता है? अगर हां, तो आप अकेले नहीं हैं! कई माता-पिता इस चुनौती से जूझते हैं, लेकिन अब आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि कुछ आसान टिप्स अपनाकर आप अपने बच्चे को खुशी-खुशी स्कूल भेजने में कामियाब हो सकते हैं।

सुबह का रूटीन बनाएं मजेदार
बच्चों को रूटीन पसंद आता है। जी हां, स्कूल जाने से पहले का समय अगर भागा-दौड़ी वाला होगा, तो बच्चा और चिड़चिड़ा होगा। सुबह एक ऐसा रूटीन बनाएं जिसमें थोड़ा खेल, थोड़ी मस्ती और नाश्ते का समय भी हो। जैसे, आप सुबह उसके साथ 10 मिनट कोई पसंदीदा गेम खेल सकते हैं या उसका पसंदीदा गाना लगा सकते हैं। इससे उसका मूड अच्छा होगा और वह स्कूल के लिए तैयार होने में सहयोग करेगा।

स्कूल के बारे में पॉजिटिव बातें करें
बच्चे के सामने स्कूल के बारे में हमेशा अच्छी बातें करें। उसे बताएं कि स्कूल में नए दोस्त बनते हैं, मजेदार चीजें सीखने को मिलती हैं, और नए खेल खेलने को मिलते हैं। अपने बचपन के स्कूल के मजेदार किस्से सुनाएं, क्योंकि जब बच्चा स्कूल को एक मजेदार जगह के रूप में देखेगा, तो वह वहां जाने के लिए एक्साइटेड होगा।

स्कूल एक्टिविटीज में बढ़ाएं भागीदारी
बच्चे को स्कूल की एक्टिविटीज में शामिल करें। जैसे, स्कूल से आने के बाद उससे पूछें कि उसने क्या नया सीखा, कौन-सी कविता सुनाई, या उसने कौन-सा खेल खेला। उसकी बातों को ध्यान से सुनें और उसे मोटिवेट करें। आप उसे स्कूल के लिए बैग तैयार करने में, टिफिन पैक करने में भी शामिल कर सकते हैं। जब बच्चे को लगेगा कि उसकी राय मायने रखती है, तो वह स्कूल को और अपना महसूस करेगा।

टीचर्स से करें बातचीत
अगर आपका बच्चा लगातार स्कूल जाने से मना कर रहा है, तो एक बार उसके टीचर से बात करें। हो सकता है कि उसे स्कूल में किसी तरह की परेशानी हो रही हो, जैसे कोई क्लासमेट उसे परेशान करता हो या उसे कोई सब्जेक्ट समझने में मुश्किल हो रही हो। टीचर्स से बात करके आप समस्या का समाधान कर सकते हैं।

प्यार और सब्र से लें काम
सबसे जरूरी बात, अपने बच्चे के साथ सब्र रखें और प्यार से पेश आएं। उसे डांटने या जबरदस्ती स्कूल भेजने से बचें। समझने की कोशिश करें कि उसे क्या परेशानी हो रही है। कभी-कभी बच्चों को नए माहौल में ढलने में समय लगता है। उसे विश्वास दिलाएं कि आप हमेशा उसके साथ हैं। छोटे-छोटे टारगेट्स के लिए उसे शाबाशी दें, जैसे ‘आज तुम बिना रोए तैयार हो गए’ या ‘आज तुमने स्कूल में बहुत अच्छा काम किया’।

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