विराट कोहली के कारण खत्म हुआ युवराज सिंह का करियर!
भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर ने युवराज सिंह के करियर खत्म होने के पीछे अप्रत्यक्ष रूप से विराट कोहली को जिम्मेदार ठहराया। पूर्व क्रिकेटर ने बताया कि युवराज ने कैंसर की जंग जीतने के बाद जब मैदान पर वापसी की तो कुछ फिटनेस टेस्ट में राहत मांगी लेकिन तब कोहली ने ऐसा नहीं होने दिया था। युवराज सिंह ने जून 2019 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की थी।
भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा ने युवराज सिंह के संन्यास के पीछे अप्रत्यक्ष रूप से विराट कोहली को जिम्मेदार ठहराया है। उथप्पा ने दावा किया कि युवराज सिंह ने कैंसर से ठीक होने के बाद फिटनेस टेस्ट में राहत की मांग की थी, लेकिन तत्कालीन भारतीय कप्तान विराट कोहली ने इसे नहीं माना था।
युवराज सिंह को सफेद गेंद क्रिकेट में भारत के दिग्गज क्रिकेटरों में से एक माना जाता था। युवी ने 2007 टी20 वर्ल्ड कप और 2011 वनडे वर्ल्ड कप में भारत को खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। 2011 वर्ल्ड कप के बाद युवराज सिंह के कैंसर का उपचार अमेरिका में हुआ।
युवराज सिंह ने बाधाओं से पार पाते हुए मैदान पर वापसी की और इंग्लैंड के खिलाफ वनडे मैच में शतक भी ठोका। हालांकि, 2017 चैंपियंस ट्रॉफी के बाद युवी को लगातार राष्ट्रीय टीम से नजरअंदाज किया गया और 2019 में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया।
उथप्पा ने बताई सच्चाई
रॉबिन उथप्पा ने लल्लनटॉप को दिए इंटरव्यू में किस्सों को याद करते हुए कहा कि युवराज सिंह का उदाहरण दिया। उन्होंने बताया कि कैंसर से जंग जीतने के बाद युवराज सिंह राष्ट्रीय टीम में वापसी की कोशिशों में जुटे थे, लेकिन तब उन्हें कप्तान का समर्थन नहीं मिला। उथप्पा ने युवराज सिंह की बात याद दिलाते हुए बड़े खुलासे किए।
उथप्पा ने क्या कहा
युवराज सिंह ने कैंसर को मात दी और राष्ट्रीय टीम में वापसी की कोशिश की। वो ऐसे शख्स हैं, जिन्होंने हमें दो वर्ल्ड कप खिताब दिलाए। उन्होंने भारत को दोनों खिताब दिलाने में प्रमुख भूमिका निभाई। जब उस व्यक्ति के लिए, आप कप्तान थे तो आपने कहा कि फेफड़े की क्षमता गुम हो गई है। जब वह संघर्ष कर रहे थे तब आपको उनके साथ होना चाहिए था। मुझे किसी ने यह बात नहीं कही, मैंने खुद ये ऑब्जर्व किया।
आपने उन्हें संघर्ष करते देखा और जब आप कप्तान बने तो हां आपको एक स्तर बरकरार रखने की जरुरत है, लेकिन हमेशा नियम में कुछ अपवाद होते हैं। यहां एक शख्स अपवाद बनने का हकदार था क्योंकि उसने सिर्फ बीमारी को नहीं हराया था बल्कि आपको टूर्नामेंट्स जीतकर दिए थे। उन्होंने अपनी जिंदगी की सबसे कड़ी चुनौती को मात दी थी। उनके लिए कुछ बदलाव किए जा सकते थे।
युवराज अकेले पड़ गए
उथप्पा ने बताया कि युवराज सिंह ने फिटनेस टेस्ट में कम अंक की गुजारिश की, लेकिन टीम प्रबंधन ने उनकी नहीं मानी। हालांकि, युवी ने टेस्ट पास किए और टीम में वापसी की। मगर इंग्लैंड में चैंपियंस ट्रॉफी के बाद खराब प्रदर्शन के कारण उनकी अनदेखी की गई।
तो जब युवी ने दो अंक कम करने की गुजारिश की तो उन्हें नहीं मिले। फिर उन्होंने टेस्ट किए क्योंकि टीम से बाहर थे और टीम प्रबंधन उन्हें टीम में सोच नहीं रहा था। उन्होंने फिटनेस टेस्ट पास किया, टीम में लौटे, टूर्नामेंट फीका रहा, फिर टीम से बाहर हुए। इसके बाद उन्हें किसी ने एंटरटेन नहीं किया।
उथप्पा ने बताई विराट की सोच
जो भी लीडरशिप ग्रुप में थे, उन्होंने युवी को एंटेरटेन नहीं किया। तब विराट लीडर थे और चीजें उनके हिसाब से होती थी क्योंकि उनका चरित्र मजबूत था। तब भी चीजें उनके मुताबिक हुई थी।
उथप्पा ने विराट कोहली की सोच के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा, ”मैंने विराट कोहली की कप्तानी में ज्यादा नहीं खेला। मगर विराट कोहली कप्तान के रूप में ऐसे हैं, ‘जो माय वे या हाईवे’ सोच पर चलते हैं। ऐसा नहीं कि ये व्यक्ति वैसे नहीं थे, लेकिन आप किस तरह अपनी टीम के साथ बर्ताव करते हैं। आप कैसे शख्स से बर्ताव करते हैं, क्योंकि यहां बात केवल नतीजों की नहीं।”
बता दें कि युवराज सिंह ने 2019 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया। उन्होंने उसी साल मुंबई इंडियंस के लिए आईपीएल में अपना आखिरी पेशेवर मैच खेला था।