कानपुर: हैलट में 100 करोड़ से बनेगा छह तल का एसी ओपीडी ब्लॉक, ई-हॉस्पिटल से जुड़ेगा…
कानपुर के हैलट अस्पताल में 100 करोड़ रुपये से छह तल का नया वातानुकूलित ओपीडी ब्लॉक बनेगा। इसकी व्यवस्था संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) लखनऊ की ओपीडी की तरह बनाई जाएगी। नए ब्लॉक में मौजूदा ओपीडी से चार गुना अधिक रोगी आसानी से आ सकेंगे। इसके साथ ही ब्लाॅक के अंदर जेनरिक दवाओं के मेडिकल स्टोर की भी व्यवस्था रहेगी।
हर विभाग का विशेष ओपीडी सब ब्लॉक रहेगा, जिसमें रोग से संबंधित विभिन्न क्लीनिक संचालित की जाएंगी। हैलट ओपीडी के भवन में चार हजार से अधिक रोगी आने पर जगह नहीं रहती और रोगियों को बाहर तक लाइन लगानी पड़ती है। नया ओपीडी ब्लॉक बन जाने पर करीब 16 हजार रोगी आ सकेंगे। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के नए ओपीडी ब्लॉक को शासन की हरी झंडी मिल गई है।
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला ने बताया कि नया ओपीडी ब्लॉक छह तल का होगा। इसके अलावा वाहनों को खड़ा करने के लिए बेसमेंट भी बनेगा। डॉ. काला ने बताया कि अधिक रोगी आने पर संभालना मुश्किल पड़ जाता है। नए ब्लॉक में रोगियों के लिए सुविधाएं बढ़ जाएंगी। हर तल पर दो विभाग की ओपीडी रहेगी।
महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों के लिए होगा अलग काउंटर
इससे विभिन्न ओपीडी के रोगी एक जगह नहीं भीड़ बढ़ा पाएंगे। इसके साथ ही विभागों की विशिष्ट क्लीनिक भी साथ में चलेंगी। ओपीडी के अंदर ही डायग्नोस्टिक एरिया भी रहेगा। एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, सीटी आदि के लिए रोगियों को ओपीडी के बाहर नहीं जाना पड़ेगा। नए ब्लॉक में भी महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों के लिए अलग रोगी पर्चा काउंटर रहेगा।
बालरोग और स्त्री रोग विभाग की ओपीडी भी ब्लॉक में
बालरोग और स्त्री रोग विभाग की ओपीडी भी इस ब्लॉक में चलेगी। अभी स्त्री रोग की ओपीडी जच्चा-बच्चा अस्पताल में चलती है। ओपीडी ब्लॉक जीटी रोड की तरफ प्रस्तावित है। इससे रोगियों को आने में आसानी रहेगी। रिकार्ड सेक्शन का भवन पुराना हो गया। भवन को गिराकर ओपीडी ब्लॉक में मिला दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि पुरानी ओपीडी में कक्ष कम हैं। ओपीडी ब्लॉक में टीचिंग चैंबर भी रहेंगे, जिसमें छात्रों को विशिष्ट केस के बारे में पढ़ाया जा सकेगा।
रोगी का नंबर स्क्रीन पर आएगा, आवाज नहीं लगानी पड़ेगी
नया ओपीडी ब्लॉक पूरी तरह ई-हॉस्पिटल से जुड़ा रहेगा। डायग्नोस्टिक सेंटर की जांच रिपोर्ट ऑनलाइन रहेंगी। डॉक्टर के चैंबर पर के सामने डिस्प्ले बोर्ड पर रोगी का नंबर प्रदर्शित होगा। किसी रोगी को आवाज देकर नहीं बुलाना पड़ेगा। विशेषज्ञ के मोबाइल फोन पर भी जांच रिपोर्ट आ जाया करेगी।