पुलवामा हमले ने बढ़ाई ऑपरेशन ऑल आउट की चुनौती
ऑपरेशन ऑल आउट को 2017 में शुरू किया गया था। इसके तहत सुरक्षाबलों ने 230 आतंकियों को ढेर कर दिया गया। ऑपरेशन के दौरान 83 सुरक्षाबल शहीद हो गए थे। वर्ष 2018 में ऑपरेशन ऑल आउट के तहत 260 आतंकी मारे गए, जबकि 95 जवान शहीद हो गए।
लेकिन वर्ष 2019 में ऑपरेशन ऑल आउट के तहत दूसरे ही महीने में शहीदों की संख्या 60 तक पहुंच चुकी है। अकेले पुलवामा में तीन दिन के दौरान 45 जवान शहीद हो गए, जो एक बड़ा नुकसान है।
आतंकियों की बात करें तो अब तक कश्मीर में ऑपरेशन ऑल आउट के तहत करीब 30 ही आतंकी मारे गए। सुरक्षाबलों के लिए न सिर्फ आतंकियों को मार गिराने की चुनौती खड़ी है, बल्कि शहीद जवानों की भरपाई करना भी चुनौती है।
कश्मीर के एक सीनियर पुलिस अफसर ने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं कि साल के पहले दो महीने सुरक्षाबलों के लिए बहुत ही कठिन रहा है। लेकिन ऑपरेशन ऑल आउट की रफ्तार थमेगी नहीं। आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई और अधिक प्रभावी ढंग से चलेगी। इस तरह के हमलों से सुरक्षाबलों का हौसला नहीं तोड़ा जा सकता।