सरकार ने पेश की 33 हजार करोड़ रुपए की पूरक मांग

मुंबई।सोमवार को राज्य सरकार ने दोनों सदनों में 33 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की रिकॉर्ड पूरक मांगे मंजूरी के लिए रखीं। इसमें किसान कर्जमाफी के लिए 20 हजार करोड़, जीएसटी लागू होने के बाद स्थानीय निकायों को होने वाले नुकसान भरपाई के रूप में देने के लिए सात हजार 356 करोड़ रुपए का प्रावधान है। इतनी बड़ी पूरक मांग के चलते सरकार की तिजोरी पर बड़ा भार पड़ेगा।
सरकार ने पेश की 33 हजार करोड़ रुपए की पूरक मांग
 
-राज्य सरकार ने सदन में कुल 33 हजार 533 करोड़ 85 लाख 21 हजार करोड़ रुपए की पूरक मांगे पेश की गई। मानसून सत्र के पहले दिन वित्तमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने विधानसभा में जबकि विधान परिषद में वित्त राज्यमंत्री दीपक केसरकर ने 2017-18 की पूरक मांगे रखी।
-पूरक मांगों का आंकड़ा भले ही 33 हजार करोड़ से ज्यादा है लेकिन सरकार के पास किसान कर्जमाफी और स्थानीय निकायों को देने के लिए 27 हजार करोड़ की रकम नहीं है। राज्य सरकार ने राजस्व खर्च में कमी की तो 10 हजार करोड़ रुपए की बचत हो सकती है।
-पूरक मांगे मंजूर होने के बाद भी सरकार को 17 हजार करोड़ रुपए की निधि का इंतजाम करना पड़ेगा। राज्य का बजट पेश हुए चार महीने भी नहीं बीते कि सरकार ने रिकाॅर्ड पूरक मांगे पेश कर दी। किसान कर्जमाफी के लिए प्रावधान किए गए 20 हजार करोड़ रुपए में अनुसूचित जाति जनजाति के किसानों के लिए एक-एक हजार करोड़ रुपए का प्रावधान है।
 
विदर्भ की सिंचाई योजनाओं के लिए 500 करोड़
-पूरक मांगों में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत विदर्भ की परियोजनाओं के लिए 500 करोड़ का प्रावधान है।
-इसके अलावा पूरक मांगों में महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना के लिए 690 करोड़, मनपा क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं और नगर परिषद में वैशिष्टपूर्ण कामों के लिए विशेष अनुदान के रूप में 553 करोड़, राष्ट्रीय ग्रामीण आरोग्य अभियान के लिए 679 करोड़, किसानों को सस्ती दर पर अल्पअवधि कर्ज के लिए 218 करोड़, बाबासाहब आंबेडकर स्वाधार योजना के लिए 209 करोड़, जनप्रतिधिनियों द्वारा सुझाए गए ग्रामीण इलाकों की सुविधाओं के लिए 200 करोड़, डॉ. पंजाबराव देशमुख ब्याज छूट योजना के तहत 131 करोड़ और एसटी बस अड्डों को बनाने के लिए 113 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
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