सरकार ने दी बड़ी रहत अब बैंक, पोस्ट ऑफिस जमा कर सकेंगे 500-1000 के पुराने नोट

केंद्र सरकार ने बंद हुए पुराने 500 और 1000 के नोट को जमा कराने के लिए बैंकों और पोस्ट ऑफिस को छूट दे दी है। वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी हुए नोटिफिकेशन के अनुसार, अब जिले में मौजूद को-ऑपरेटिव बैंक, पोस्ट ऑफिस और राष्ट्रीयकृत बैंक  भी अपने पास रखे पुराने नोटों को एक माह के अंदर आरबीआई से एक्सचेंज कर सकेंगे। 
  500-1000 के पुराने नोट
बड़ी संख्या में पड़े हैं बैंकों के पास पुराने नोट
सहकारी बैंकों के पास पुराने नोट काफी संख्या में पड़े हैं। बैंकों का कहना है कि वे किसानों को इसके चलते कैश नहीं दे पा रहे हैं। नोटबंदी के छह माह बीत जाने के बाद भी उनके पास पुराने नोटों के बंडल हैं जिन्हें वे एक्सचेंज नहीं करवा पाए और अब ( यह नोटिफिकेशन आने तक) आरबीआई इन्हें स्वीकार नहीं कर रहा है।

किसानों को हो रही थी कैश की समस्या
बैंकों में नगदी संकट के चलते किसानों को पैसा नहीं मिल पा रहा था, जिसके चलते बैंकों ने सरकार से पुराने नोट जमा करने के लिए मोहतल मांगी थी। बैंकों के पास इस वक्त पुराने बंद हुए 500 और 1000 रुपये के करोड़ो रुपये पड़े हुए हैं, जिसको रखना उनके लिए काफी मुश्किल हो रहा था। 

सरकार के लिए बड़ी कामयाबी थी नोटबंदी

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक देश की अर्थव्यवस्था को करीब 5 लाख करोड़ का फायदा हुआ है। इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक ये एक उच्चस्तीय आंतरिक आंकलन रिपोर्ट में ये साफ किया गया है।
बताया जा रहा है कि इस समय देश में चल रहे नोटों की कीमत 19.25 लाख करोड़ है, जबकि 8 नंवबर यानि नोटबंदी से पहले ये करीब 17.77 लाख करोड़ थी।

इसके हिसाब से देखा जाए तो देश की अर्थव्यवस्था को करीब 5 लाख करोड़ रुपये का फायदा हुआ है। हालांकि, रिजर्व बैंक की ओर से अप्रैल में आए आकंड़ों को देखा जाए तो फिलहाल 14.2 लाख करोड़ के नोट चलन में है। 

अगर इन आकंड़ों को देखा जाए तो इस वक्त अर्थव्यवस्था में नकदी की मौजूदगी नोटबंदी न किए जाने की हालत के मुकाबले करीब 5 लाख करोड़ रुपये कम है। हालांकि, नोटबंदी के बाद कैशलेस स्कीम को बहुत फायदा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक कैशलेस की रूचि लोगों में दिखी है।

अब बैंक जाना हो जाएगा महंगा, चेक बुक-ATM यूज करने पर भी लगेगा टैक्स

2016-17 के वित्त वर्ष में कुल 300 करोड़ की ऑनलाइन ट्राजेक्शन की गई है। अनुमान लगाया जा रहा है कि जिस गति से ऑनलाइन लेन-देन बढ़ रहा है, उस हिसाब में वित्त वर्ष 2017-18 में ये आकंड़ा 2500 करोड़ तक पहुंच सकता है। बता दें कि देश में नोटबंदी के लागू होते ही 500 और 1000 के पुराने नोटों का चलन बंद कर दिया गया। इससे लोगों को लाइनों में लगकर परेशानियों का सामना करना पड़ा। पीएम मोदी ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि देश की जनता को थोड़ी तकलीफ होगी, लेकिन कालेधन और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए नोटबंदी बेहद जरूरी थी।

 
 
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