सबसे बडा भुतहा किला में से एक भानगढ़ में अब भटकती आत्माओं को मिलेगी…

जयपुर। एशिया के सबसे भुतहा किलों में से एक अलवर के भानगढ़ फोर्ट की दशा और दिशा यज्ञ एवं भागवत कथा के जरिए बदलने पर विचार हो रहा है। अब तक दुनियाभर के पैरानॉर्मल के रिसर्च करने वाले एक्सपर्ट यह मान चुके है कि भानगढ़ में कोई ना कोई रहस्य छिपा हुआ है,इस कारण यहां रात्रि के समय कोई नहीं रह सकता।

सबसे बडा भुतहा किला में से एक भानगढ़ में अब भटकती आत्माओं को मिलेगी...

अब पंचखंड पीठाधीश्वर आचार्य धमेन्द्र भानगढ़ में भटकती आत्माओं की मुक्ति के लिए यज्ञ और भागवत कथा करना चाहते है। इसके लिए उन्होंने राजस्थान सरकार से अनुमति मांगी है। विहिप की केन्द्रीय समिति के सदस्य आचार्य धमेन्द्र ने शीघ्र ही सरकार से अनुमति मिलने की उम्मीद जताते हुए कहा कि वे भागवत कथा करने के साथ ही यज्ञ करेंगे जिससे आत्माओं की मुक्ति मिल सके।

आचार्य धर्मेन्द्र ने इस बारे में केन्द्र सरकार से भी सम्पर्क किया है। इतिहास के अनुसार 17वीं शताब्दि में महाराजा माधोसिंह के शासन काल में बनाए गए इस किले में डरावनी आत्माओं का वास बताया जाता है। इस किले के भुतहा होने के पीछे एक रहस्यमयी घटना जुड़ी हुई है।

प्राचीनकाल में यहां एक तांत्रिक रहता था वह भानगढ़ की राजकुमारी रत्नावती की सुंदरता से काफी मोहित हो गया। तांत्रिक ने राजकुमारी को पाने के लिए काले जादू का सहारा लिया,हालांकि वह राजकुमारी को पाने में असफल रहा। राजपरिवार ने इसी बीच तांत्रिक को मरवा दिया। दम तोड़ते हुए तांत्रिक भानगढ़ रियासत को श्राप दे गया कि यहां रहने वाले लोगों की आत्माओं को कभी भी मुक्ति नहीं मिलेगी। बस तभी से भानगढ़ के उजड़ने की कहानी प्रारम्भ हुई,अब यह नगर पूरी तरह से उजड़ चुका यहां मात्र खंडहर दिखाई देते है। ये खंडहर भी जमीन में निरंतर धंसते जा रहे है।

यह बताया जाता है कि रात्रि के समय किले में कई तरह की आवाजें आती रहती है। रात्रि के समय किले में किसी को प्रवेश की इजाजत नहीं दी जाती। प्राचीन समय से ही यह माना जाता रहा है कि जो भी व्यक्ति रात्रि के समय इस किले में गया वह वापस नहीं लौटा।

आचार्य धर्मेन्द्र का कहना है कि कभी यहां रहने वाले लोग मरने के बाद भी अब तक भूत और जिन्न के रूप में भटकते रहते है। इन्हे सैंकडों वर्ष बाद भी योनी प्राप्त नहीं हुई। वर्तमान में यह किला और पूरा भानगढ़ गांव भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधीन है। प्रतिदिन देशी-विदेशी पर्यटक काफी बड़ी तादाद में यहां आते है। 

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