सनसनी : संदीप के बाद केजरीवाल के एक और बड़े नेता का सेक्स टेप आया सामने

सुनाम के आम आदमी पार्टी के दो वॉलंटियर्स रविंदर ढिल्लों और मक्खन नमोल ने मंगलवार को चंडीगढ़ में एक ऑडियो टेप जारी कर कहा कि चौहान ने धूरी के पार्टी ऑफिस में काम करने वाली महिला का सेक्सुअल हैरेसमेंट किया। इसकी लिखित शिकायत विक्टिम के पति ने अरविंद केजरीवाल, संजय सिंह को भी दी, लेकिन 8 महीने बीतने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई।

सनसनी : संदीप के बाद केजरीवाल के एक और बड़े नेता का सेक्स टेप आया सामने केजरीवाल के नेता का सेक्स टेप आया सामने

केजरीवाल ने मामला दिल्ली महिला आयोग को भेजा था। ऑडियो में चौंकाने वाली बात सुनाई दी कि आयोग की चेयरपर्सन स्वाती मालिवाल, जो केजरीवाल की नजदीकी हैं, पीड़िता को दुत्कार रही हैं। आरोपों की पुष्टि इस बात से भी होती कि इसी दौरान चौहान को संगरूर से पटियाला भेज दिया गया था।
 ढिल्लो ने कहा, जब विक्टिम ने शिकायत की तो उसने (राजवंत) विक्टिम पर मामले को न उठाने का दबाव बनाया। ऑडियो में इन्हीं दोनों की बातचीत सुनाई दे रही है।
– इससे पता चलता है कि विक्टिम के साथ कुछ गलत हुआ, इसी नेता (राजवंत) ने विक्टिम को एक लाख रुपए भी दिए। बता दें कि दिल्ली के आप विधायक देवेन्द्र सहरावत और छोटेपुर पर भी पंजाब में सेक्सुअल हैरेसमेंट के आरोप लग चुके हैं। ऑडियो टेप में बातचीत करने वाला आप नेता विक्टिम से शिकायत ना करने के लिए दबाव बना रहा है। टेप में पूरी बातचीत पंजाबी में है।
लेटर में ये लिखा, कई बार की रेप की कोशिश
विक्टिम के पति ने अरविंद केजरीवाल को दी शिकायत में कहा कि धूरी पार्टी के दफ्तर में काम करते समय विजय चौहान अक्सर छेड़छाड़ करता था। मुझे काम से बाहर भेजकर पत्नी के रेप की भी कोशिश कर चुका है। कई बार शिकायत भी की, लेकिन कुछ दिन रुकने के बाद फिर अश्लील हरकतें शुरू कर देता।  अगस्त, 2015 में पार्टी दफ्तर में काम शुरू किया था। तंग आकर फरवरी 2016 में छोड़ दिया।
ऑडियो : पढ़िए बातचीत
राजवंत सिंह: आह की कर रहे हों तुसीं, मेरी ऐही बदनामी करवाणी सी? (ये क्या कर के गई हो तुम, मेरी यही बदनामी करवानी थी?)
महिला:मैं की बदनामी करवाई है (मैंने क्या बदनामी करवाई है)?
राजवंत सिंह:तुसीं एहनीं लिखके दित्ता कि चौहान मेरे नाल जबरदस्ती करदा सी (ये लिखकर क्यूं देकर आई हो कि चौहान मेरे साथ जबरदस्ती करता था) ?
महिला:मैं तां किसे नू लिख के नीं दिता (मैंने तो ये किसी को नहीं लिख कर दिया)।
राजवंत सिंह :तुसीं ऐथे लिख के दो, कि तुसीं किसी नूं भी लिख के शिकायत नहीं करोगे? मैं तैनूं ऐथे भेजण वाले गुरमीत नू वी जूतियां मारदा हां कि ओहने तैनूं मेरी बदनामी करवाण लई भेजेया सी (तुम ऐसा लिख के दे दो कि तुम किसी को भी लिखकर इस बारे में शिकायत नहीं करोगी। मैं तुम्हें यहां भेजने वाले गुरमीत को भी जूतियां मारता हूं कि क्या उसने तुम्हे यहां पर मेरी बदनामी करवाने के लिए भेजा था)।
महिला:मेरा घर वाला तां कुछ नहीं बोलेया, पर तुसीं दस्सो कि हर किसे दी इज्जत नहीं हूंदी। चौहान ने मेरे नाल गलत नहीं कीता? मैं वी तुहाडी बेटी बहुआं वरगी हां। तुसीं तां मैनू ही गलत कही जा रहे हो (मेरा घर वाला तो कुछ भी नहीं बोला इस बारे में, लेकिन आप खुद बताओ कि हर किसी की इज्जत होती है। आप खुद बताओ कि क्या चौहान ने मेरे साथ कुछ गलत नहीं किया क्या? मैं भी आपकी बेटी-बहुओं जैसी हूं। मुझे आपने गलत कह दिया)। 
राजवंत :तुहानूं गए नूं ऐथों छह महीने हो गए, की हुण चौहान तुहाडे कोल आंदा है (तुमको 6 महीने यहां से गए हुए हो गए, क्या चौहान अब आता है तुम्हारे पास वहां)?
महिला:साडे कोल चौहान नहीं आंदा, पर चौहान दी गलती भी तां छोटी नहीं (हमारे पास चौहान नहीं आता, लेकिन चौहान ने गलती भी तो छोटी नहीं की है)।
राजवंत :मैं तुआडा टाइम इथे चंगा कटवाता, ते हुण मैंनूं ही पार्टी तों जुतियां पै रहियां ने…(मैंने आपका टाइम यहां अच्छा बितवाया और अब मुझे पार्टी से ही जूतियां पड़ रही हैं)
महिला:देखो जी, जूतियां तां साडे वी पै रहीयां ने, पर सवाल ऐह है कि तुसीं चौहान दे खिलाफ कुछ नहीं कीता (देखो जी, जूतियां तो हमे भी पड़ रही हैं, लेकिन सवाल ये है कि आपने चौहान के खिलाफ कुछ क्यों नहीं किया)?
राजवंत :तुसीं जो करना है करो, पार्टी वाले मैंनूं कह रहे ने कि तेरे कहण ते एहनां नू रहन दी, खाण दी जगह दिती। हुण एही लोग पार्टी दी बदनामी कर रहे ने (तुमको जो करना है करो, आप जो पार्टी से पंगे ले रहे हो ना। लोग मुझे कह रहे हैं कि तेरे कहने पर इन लोगों को रहने और खाने की जगह दी और अब यही लोग पार्टी की बदनामी कर रहे हैं)।
महिला :तुसीं मेरी गल सुणो, जे मैं थाने जाकर चौहान दे खिलाफ शिकायत दिंदी तां ओहदी घरवाली नू ओहदे परिवार ने इस बारे पता नहीं चलदा ? उसदे घर क्लेश न मचदा, कुछ ऐदां दा ही क्लेश मेरे घर मचेया होएया है। तुहानूं तां सिर्फ आपणी टिकट नाल मतलब है। तुंसीं इकट टिकट खातर एक कुड़ी दी इज्जत खराब कर रहे हो न, एह चंगी गल नहीं।
जे तुहाडी बहू बेटी नाल अजेहा हुंदां तांवी ऐदां ही करदे। मेरी इज्जत खराब करन नाल की तुहानूं टिकट मिल जाएगी (आप मेरी बात सुनो, अगर मैं थाने जाकर चौहान के खिलाफ शिकायत देती हूं तो उसकी पत्नी और परिवार को इस बारे में पता नहीं लगेगा क्या, उनके घर क्लेश नहीं मचेगा, कुछ ऐसा ही क्लेश मेरे घर में भी मचा है।
आपको तो सिर्फ अपनी टिकट से मतलब है आप एक टिकट के लिए एक लड़की की इज्जत खराब कर रहे हो ना, ये अच्छी बात नहीं है। अपनी बहू-बेटी के साथ होता तो क्या आप ऐसा करते। मेरी इज्जत खराब करने से क्या आपको टिकट मिल जाएगी)?
राजवंत :हुण इस च टिकट दी गल्ल किथों आ गई (टिकट की क्या बात आ गई इसमें)?
पंजाब मामलों के प्रभारी संजय सिंह यदि कोई ऑडियो या दस्तावेज में ऐसा कोई तथ्य मि लेगा तो पार्टी किसी के भी खिलाफ एक्शन लेने से पीछे नहीं हटेगी। जब हमने अपने मंत्री को नहीं बख्शा तो आब्जर्वर क्या चीज हैं? विजय चौहान दिल्ली का है और अन्ना आंदोलन के जरिए आप से जुड़ा था। दिल्ली चुनाव में आप को जिताने में अहम भूमिका निभाई थी। पंजाब में भी प्रचार किया। इसीलिए संगरूर का ऑब्जर्वर बनाया गया। फिलहाल वे पटियाला में हैं।

 

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