शुरू हो रही है शनिदेव की साढ़ेसाती, करें ये उपाय

शास्त्रनुसार यदि कुण्डली में सूर्य पर शनि का प्रभाव हो तो व्यक्ति के पितृ सुखों में कमी देखी जाती है। शास्त्रनुसार शनि को पापी ग्रह माना गया है। शनि को मारक, अशुभ व दुख का कारक माना जाता है। शास्त्र उत्तर कालामृत के अनुसार शनि कमजोर स्वास्थ्य, बाधाएं, रोग, मृत्यु, दीर्घायु, नंपुसकता, वृद्धावस्था, काला रंग, क्रोध, विकलांगता व संघर्ष का कारक ग्रह माना गया है।वास्तविकता में शनि ग्रह न्यायाधीश है जो प्रकृति में संतुलन पैदा करता है व हर प्राणी के साथ न्याय करता है। जो लोग अनुचित विषमता व अस्वाभाविकता और अन्याय को आश्रय देते हैं, शनि केवल उन्हीं को प्रताड़ित करता है।ज्योतिषशास्त्र की गोचर प्रणाली अनुसार शनि गुरुवार दिनांक 26.01.17 को रात 09:34 पर वृश्चिक से धनु राशि में प्रवेश करेंगे। शनि के इस राशि परिवर्तन से मकर राशि हेतु शनि की साढ़ेसाती शुरू होगी। वृश्चिक राशि हेतु यह अंतिम चरण की साढ़ेसाती होगी व तुला राशि साढ़ेसाती से मुक्त होंगे। शनि के धनु में आते ही कन्या राशि हेतु लघु कल्याणि शुरू होगी व वृष राशि हेतु अष्ठम शनि की ढ्य्या शुरू होगी। शनि धनु राशि में पहले केतु के नक्षत्र मूल में आकर बाद में शुक्र व सूर्य के नक्षत्र में भ्रमण करेंगे।

साल 2017 में शनि का गोचर अत्यधिक अस्थिर रहेगा क्योंकि यह कुछ समय के लिए वक्री हो कर पुनः वृश्चिक राशि में आकर दोबारा मार्गी होकर धनु राशि में प्रवेश करेंगे। साल 2017 में शनि अपनी वक्र अवस्था से बुधवार दिनांक जून 21.06.17 को रात 01:37 पर धनु से वृश्चिक में जाएंगे तथा पुनः सक्रिय होकर गुरुवार दिनांक 26.10.17 को वृश्चिक से धनु में प्रवेश करेंगे।

वृश्चिक राशि पर साढे साती का प्रभाव

26 जनवरी 2017 को शनि वृश्चिक राशि को छोड़कर धनु राशि में प्रवेश करने जा रहे है। शनि के राशि परिवर्तन के साथ ही तुला जातकों की साढ़े साती ख़त्म हो जायेगी तथा वृश्चिक जातकों के लिए साढ़े साती का अंतिम चरण शुरू हो जायेगा । इसके अतिरिक्त धनु जातकों के लिए साढ़े साती का दूसरा चरण प्रारंभ हो जायेगा है साथ ही मकर राशि का शनि की साढ़े साती शुरू हो जाएगा। शनि की साढ़े साती की अवधि में आपके जीवन पर शनि का प्रभाव कैसा रहेगा आइये जानते है।

कहा जाता है की उतरती साढ़े साती फायदेमंद होता है परन्तु यह भी निर्भर करता है की उस राशि के साथ शनिदेव का कैसा सम्बन्ध है। वृश्चिक राशि का स्वामी मंगल है और मंगल के साथ शनि के साथ कोई बढ़िया सम्बन्ध नहीं है इस कारण उतरती साढ़े साती आपके लिए बहुत लाभ दायक नहीं होगा।

वर्ष 2017 से 2020 जनवरी 24 तक शनि की दृष्टि आपके चतुर्थ ( कुटुंब ) अष्टम ( मृत्यु ) तथा एकादश ( लाभ ) भाव पर होगी। अनावश्यक कार्यो में खर्च होगा जिसके कारण धन का संग्रह करना आपके लिए कठिन हो जायेगा। बहुत कठिनाई से धन लाभ की सम्भावना है।इस राशि के लिए धन स्थान में धनु राशि है और उस पर शनि का गोचर भी हो रहा है। अतः धन के मामले में थोड़ी परेशानी हो सकती है।

अगर आपकी जन्मकुंडली में चन्द्र राशि से दूसरे भाव में शनि का गोचर है, इसलिए आपको धन के मामलों में विशेष सावधानी रखने की आवश्यकता है। धन आगमन का भी योग है अतः धन तो आएगा परन्तु व्यय भी उसी के अनुसार होगा। धन के मामले में किसी प्रकार की कोई जल्दबाज़ी न करे ऐसा करने से आपका नुकसान हो सकता है।

परिवार में कोई शुभ कार्य हो सकता है। पारिवारिक मामलों में भी ऐहतियात बरतना ज़रूरी है। प्रियजनों से मधुर सम्बन्ध बनाये रखे और विवादों से बिलकुल दूर रहे । घर में माता – पिता के साथ विचारो की भिन्नता के कारण एक दूसरे से दूर भी हो सकते है। मित्रों की संख्या में वृद्धि संभव है। आपके मित्र अवसरवादी हो सकते है। आप गलत संगति में भी जा सकते है। घर मकान खरीद सकते है।

आपके राशि के लिए साढ़े साती अंतिम दौर में चल रहा है अतः आप जितना संभलकर रहे अच्छा रहेगा क्योकि जाते जाते कही आपका नुकसान न कर दे। इसलिए सोच- समझकर ही कोई निर्णय ले। किसी भी क्षेत्र में निवेश से पूर्व अनुभवी लोगों की सलाह अवश्य ले। व्यापार के लिए यदि दूर की यात्रा कर रहे है तो लाभ मिलेगा।

वृश्चिक राशि

2019 से आपके लिए शनि साढ़े साती का एकदम अंतिम दौर चलेगा उस समय शनि जाते जाते कुछ अच्छा कर के जायेगा परन्तु ऐसा तभी संभव होगा जब आप धैर्य पूर्वक कार्य करते रहेंगे। वास्तव में साढ़े साती जाते-जाते आपमें एक ऐसा जोश,साहस तथा विशवास का संचार करके जाएगा। आप अपने पुराने कष्टों को भूलकर नित नए कार्यों में सफलता प्राप्त करेंगे। इसलिए यह समय बीते हुए असफलताओं को स्मरण करने का नहीं है बल्कि नए अवसरों से लाभ उठाने का है

शनि की साढ़े साती के मध्य भाग में भौतिक सुख – सुविधाओं में वृद्धि होगी। वाहन इत्यादि खरीदने का प्रबल योग बनेगा। इस बीच आपकी रूचि भक्ति तथा आध्यात्म में भी बढ़ेगी। आप अपनी खोयी हुई पद-प्रतिष्ठा और मान- सम्मान पुनः प्राप्त करेंगे। यदि स्वास्थ्य सम्बन्धी कोई परेशानी चल रही थी या चल रही है तो जल्दी ही सुधार हो जाएगा।

उपाय

शनि के कोप से बचने हेतु आप हनुमान जी की आराधाना करे यदि स्वास्थ्य खराब चल रहा है तो बजरंग बाण का नियमित पाठ करें।

साढ़े साते से मुक्ति हेतु शनिवार को बंदरों को केला व चना खिलाने से शुभ फल की प्राप्ति होगी।

 

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