OMG !! इस गुफा से टपकता है शुद्ध देशी घी, वजह सुनकर चौंक जाएंगे आप

बचपन से आप सभी विक्रम और बेताल की कहानियां पढ़ते व् सुनते आ रहे है लेकिन बेताल की गुफा के बारे में बहुत कम लोग ही जानते है अब इस गुफा से जुड़ा एक और रहस्य सामने आया है जानने के लिए पढ़े पूरी खबर !

OMG !! इस गुफा से टपकता है शुद्ध देशी घी, वजह सुनकर चौंक जाएंगे आप भारत में आपको ऐसी कई कहानियां सुनने को मिलेगी, जिन पर एक बार विश्वास करना आसान नहीं होता है. लेकिन स्थानीय लोगों की आस्था और विश्वास देखकर लगता है कि इन बातों में कहीं ना कहीं कोई सच्चाई हो सकती है। ऐसी ही एक कहानी बेताल की गुफा है। ये गुफा हिमालय की पहाडिय़ों में स्थित है। इस गुफा के बारे में कहा जाता है, अगर कोई सच्चे दिल के साथ यहां कोई मन्नत मांगता है तो उसकी अच्छा जरूर पूरी होती है। कहा यह भी जाता है कि कभी इस गुफा में घी भी टपकता था। हालांकि आज इसके कोई साच्य नहीं मिलते हैं।

बेताल की यह गुफा हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले की सुंदरनगर तहसील में स्थित है। इस रहस्यमयी गुफा का नाम है बेताल गुफा, जिसकी लंबाई 40-50 मीटर और ऊंचाई महज 15 फीट है। यह गुफा दो तरफ से खुलती है, जिसका एक मुख थोड़ा चौड़ा और दूसरा मुख कम व्यास वाला है। बेताल गुफा के भीतर 30-40 ऐसी मूर्तियां हैं, जिन पर ईश्वर के चित्र अंकित हैं।इस गुफा के अंदर पानी भी बहता है, जिसकी मधुर आवाज किसी संगीत जैसी लगती है। कहा जाता है कि अगर इस गुफा में कोई बर्तन या फिर देसी घी मांगता है तो उसकी इच्छा जरूर पूरी होती है।

अधिक जानकारी के लिए देखें नीचे दी गयी विडियो और फिर लिखित जानकारी पढ़े !

इस गुफा के बारे में कई किंवदंती है। एक में कहा गया है कि जिस घर में विवाह होता है, उस घर का मुखिया पूजा की थाली सजाकर गुफा के द्वार पर सिंदूर से निमंत्रण लिख आता था और विवाह हेतु उसे जो भी बर्तन चाहिए होते थे, उन्हें सच्चे दिल से मांगता था, अगले दिन उसके चाहे गए सभी बर्तन गुफा के बाहर द्वार पर मौजूद होते थे। विवाह कार्यक्रम समाप्त होने पर मुखिया स्वयं जाकर उन बर्तनों को गुफा के बाहर छोड़ आता था। जहां ये बर्तन अपने आप ही गायब हो जाते थे। लेकिन एक बार किसी व्यक्ति ने बर्तन वापिस नहीं किए, तभी से इस गुफा से बर्तन मिलना बंद हो गए।

लोककथाओं के अनुसार इस गुफा में देसी घी भी टपकता था लेकिन बाद में बंद हो गया। जनश्रुतियों के अनुसार एक रात एक ग्वाला अपने पशुओं के साथ यहां गुफा में आया। वह गुफा से टपक रहे घी को बार-बार अपनी रोटी पर लगाता और खा जाता। ऐसा करने से घी जूठा हो गया, और उसी दिन से इस गुफा में फिर कभी घी नहीं टपका।खैर ये रहस्य तो प्राचीन काल में शुरू हुए और प्राचीन काल में ही समाप्त हो गए लेकिन इस गुफा का महत्व अभी भी बरकरार है। स्थानीय लोग यह मानते हैं कि ये गुफा मनोकामना पूरी करती है, जिसके चलते यह एक आस्था का स्थल बन चुकी है।

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