लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार अ‍टल पेंशन योजना में कर सकते हैं बड़ा बदलाव

लोकसभा चुनाव 2019 से पहले मोदी सरकार अ‍टल पेंशन योजना में बड़ा बदलाव करके उसे दोगुना कर सकती है. पेंशन फंड नियामक (पीएफआरडीए) अटल पेंशन योजना (एपीवाई) के तहत पेशन की राशि की सीमा को बढ़ाकर 10,000 रुपये प्रतिमाह तक करने की व्यवहार्यता को परखने के लिए अपने पोर्टफोलियो का मूल्यांकन कर रहा है. एक शीर्ष अधिकारी ने यह बात कही. लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार अ‍टल पेंशन योजना में कर सकते हैं बड़ा बदलाव

पेंशन निधि विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के चेयरमैन हेंमत जी कॉन्ट्रेक्टर ने बताया, “अटल पेंशन योजना एक गारंटीशुदा पेंशन योजना है, सरकार पर इसकी प्रतिबद्धता को पूरा करने का दायित्व है. ऐसे में सरकार पर कितनी जिम्मेदारी पड़ सकती है, इसके लिये कितनी जरूरत होगी, हम अपने पोर्टफोलियो का वास्तविक मूल्यांकन कर रहे हैं ताकि हमें यह पता चल सके कि क्या सरकार को गारंटी दायित्व पूरा करने के लिए कुछ करने की जरूरत होगी या फिर इसकी आवश्यकता नहीं होगी.” 

दिसंबर तक प्रक्रिया के पूरी होने की उम्मीद
इस प्रक्रिया के दिसंबर तक पूरा होने की उम्मीद है. कॉन्ट्रेक्टर ने कहा कि एक बार इसको लेकर स्थिति स्पष्ट हो जाए तो सरकार अटल पेंशन योजना के दायरे को बढ़ा सकती है. पेंशन राशि दोगुनी होने का योजना को वास्तविकता में बदलने में कितना समय लगेगा इस पर उन्होंने कहा कि दिसंबर तक मूल्यांककों की परीक्षण प्रक्रिया खत्म हो जाएगी और उसके बाद कोई भी ठोस कदम अगले वर्ष फरवरी या मार्च तक ही उठाया जा सकेगा. 

पेंशन बढ़ाने की एक वजह यह भी
वित्त मंत्रालय ने इस साल जून में कहा था कि अटल पेंशन योजना के तहत पेंशन की राशि बढ़ाने की जरूरत है और इसके लिए पीएफआरडीए द्वारा भेजे गए प्रस्ताव पर सरकार गौर कर रही है. कंट्रैक्टर ने जून में कहा था, “इस समय अटल पेंशन योजना के तहत हमारे पांच पेंशन स्लैब हैं. ये स्लैब एक हजार से लेकर पांच हजार रुपये मासिक तक के हैं.

बाजार से इस बात को लेकर काफी चर्चा है कि पेंशन राशि कम है और यह बढ़नी चाहिए क्योंकि कई लोगों का मानना है कि 60 साल की उम्र में 5,000 रुपये की राशि आज से 20- 30 साल बाद बहुत कम होगी.” पीएफआरडीए को उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष में अटल पेंशन योजना के खाताधारकों की संख्या डेढ करोड़ तक पहुंच जाएगी.

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