लालू का दावा राष्ट्रपति चुनाव में जीतेंगी मीरा कुमार, नीतीश से समर्थन की करेंगे अपील

राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्षी दलों की ओर से उम्मीदवार चुनने से पहले बिहार के सीएम और जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद का समर्थन करने के ऐलान किया था, जिसको लेकर आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव असमंजस में चल रहे हैं। लालू नीतीश कुमार के एनडीए के पक्ष में समर्थन करने के निर्णय को पचा नहीं पा रहे हैं। 
लालू का दावा राष्ट्रपति चुनाव में जीतेंगी मीरा कुमार, नीतीश से समर्थन की करेंगे अपील
 
मामले में गुरुवार को लालू ने कहा कि पता नहीं नीतीश जी ने ऐसा निर्णय क्यों ले लिया, हम उनसे अपील करेंगे, उनको बताएंगे और समझाएंगे कि आपने गलत निर्णय ले लिया। 

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उन्होंने आगे कहा कि मैं नीतीश जी से उनके निर्णय के बारे में फिर सोचने के लिए कहेंगे। उन्होंने कहा राष्ट्रपति चुनाव में मीरा कुमार जीतेंगी।  

गौरतलब है कि इससे पहले विपक्षी दलों ने सयुक्त रूप से सोनिया गांधी की अध्यक्षा सोनिया गांधी के नेतृत्व में मीरा कुमार को मैदान में उतारा है। मीरा कुमार के आने के बाद कांग्रेस और लालू यादव बिहार की दलित बेटी और दलित राजनीति में अम्बेडकर के बाद आजाद भारत के सबसे बड़े नेता जगजीवन राम की वारिस के नाम पर नीतीश पर दबाव बनाएंगे।

एक अन्य जदयू नेता के मुताबिक नीतीश कुमार को फैसला लेने से पहले 22 जून की बैठक तक इंतजार करना चाहिए था। उन्हें विपक्षी दलों की बैठक में आकर अपनी बात रखनी चाहिए थी। बल्कि मीरा कुमार के नाम के ऐलान की उन्हें पहल करनी चाहिए थी। जदयू के एक पदाधिकारी के मुताबिक पता नहीं पार्टी ने कोविंद को समर्थन का फैसला किस दबाव में किया गया। इससे विपक्ष और गैर भाजपा राजनीति में नीतीश और जदयू की साख भी प्रभावित होगी। 

सूत्रों के मुताबिक पार्टी के फैसले से वरिष्ठ नेता शरद यादव समेत कुछ अन्य नेता बेहद असहज हैं। क्योंकि विपक्ष के साझा उम्मीदवार उतारने की पहल खुद नीतीश कुमार ने ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलकर की थी। बाद में शरद यादव ने अन्य विपक्षी दलों से बात करके इसे आगे बढ़ाया था। अब उन्हें विपक्ष के नेताओं के सवालों का सामना करना पड़ रहा है। उधर लालू यादव ने नीतीश के निर्णय को ऐतिहासिक भूल बताकर जदयू की दुविधा और बढ़ा दी है।

 
 
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