राज्यसभा में कांग्रेस ने उठाया ‘चीन की निगरानी’ का मुद्दा

जुबिली न्यूज डेस्क
बीते दिनों खुलासा हुआ है कि चीन की एक कंपनी भारत के दस हजार लोगों की निगरानी कर रही है। इसमें प्रधानमंत्री, राष्टï्रपति, मुख्य न्यायाधीश, सोनिया गांधी,मुख्यमंत्री, सांसद ब्यूरोके्रट्स व पत्रकार शामिल हैं। यह मामला बुधवार को राज्यसभा में कांग्रेस नेता और सांसद केसी वेनुगोपाल ने उठाया और केंद्र सरकार से ‘भारतीय राजनेताओं और प्रमुख अधिकारियों पर चीन की जासूसी’ के मुद्दे पर स्पष्टीकरण मांगा।
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राज्यसभा में सुनवाई के दौरान कांग्रेस सांसद वेणुगोपाल ने कहा, “मीडिया में आयी रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी और सरकार से जुड़ी शेंजेन स्थित टेक कंपनी जेंहुआ डेटा इंफॉर्मेशन पर लगभग 10 हजार भारतीय नागरिकों की ‘डिजिटल निगरानी’ का गंभीर आरोप लगा है। इन दस हजार लोगों में राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, विपक्ष नेता, सेना प्रमुख और कई सांसद शामिल हैं।”
वेनुगोपाल ने राज्य सभा में इस मुद्दे पर चर्चा के लिए शून्यकाल का नोटिस दिया है। उन्होंने कहा कि यह चिंता का विषय है। मैं सरकार से यह जानना चाहता हूं कि क्या यह बात उनकी जानकारी में है। अगर यह उनकी जानकारी में है तो इस संबंध में सरकार क्या कार्रवाई कर रही है।”
सांसद के इस सवाल के बाद उप-राष्ट्रपति और राज्यसभा अध्यक्ष वैंकेया नायडू ने संसदीय कार्य मंत्री से अनुरोध किया है कि वे संबद्ध मंत्री को इस संबंध में जानकारी दें।
वहीं आज बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सभा के सदस्यों को सूचित किया कि बीते छह महीने से चीन की तरफ से कोई घुसपैंठ नहीं हुई है।
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कोरोना पर भी होगी बहस
मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने राज्य सभा में कोरोना संक्रमण की स्थिति और सरकार द्वारा इस महामारी से निपटने के सिलसिले में प्रयासों के संबंध में सदन को सूचित किया था। बुधवार को इस पर सदन में चर्चा होनी है।
ूडॉक्टर हर्षवर्धन ने मंगलवार को कहा था कि कोविड-19 के कारण लगाए गए देशव्यापी तालाबंदी से करीब 14 लाख से 29 लाख केस कम सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि यह तालाबंदी का ही नतीजा रहा कि 37 हजार से 78 हजार तक मौतों को भी टाला जा सका।
उन्होंने कहा था कि अगर दुनिया के दूसरे देशों से तुलना करें तो भारत में प्रति दस लाख पर संक्रमितों की संख्या किसी भी दूसरे देश की तुलना में कम है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का यह बयान ऐेसे समय में आया है जब भारत में सबसे तेजी से मामले सामने आ रहे हैं। भारत दुनिया का दूसरा सबसे अधिक प्रभावित देश बन चुका है। बीते पांच दिनों से हर रोज संक्रमण के 90 हजार से अधिक नए मामले सामने आ रहे हैं।

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